समय पर रिजल्ट देने पर राज्यपाल टंडन ने थपथपाई कुलपति थापक की पीठ

भोपाल
राज्यपाल लालजी टंडन ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों से कहा है किसमाज का मार्गदर्शन करने के लिये आगे आएं। उन्होंने कहा है किव्यवस्था और वातावरण में स्वच्छता होना आवश्यक है। नई व्यवस्था निर्माण के लिए बुनियादी प्रयासों को प्राथमिकता दी जाए, तभी उत्तरोतर प्रभावी प्रगति होगी। राज्यपाल टंडन आज राजभवन में चार विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ चर्चा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने महाराजा छत्रसाल बुन्देलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति टीआर थापक की पीट थपथपाई हैं।

राज्यपाल चारों कुलपतियों के सामने समय पर रिजल्ट नहीं देने को लेकर नाराज हो रहे थे। तब प्रमुख सचिव मनोहर दुबे ने उन्हें बताया कि राज्य में सिर्फ छतरपुर विवि ने ही सभी विद्यार्थियों का रिजल्ट जारी किया है। पीएस दुबे की बात सुन राज्यपाल टंडन ने उन्हें बधाई दी है। छतरपुर विवि सागर संभाग के करीब 177 निजी और सरकारी कालेजों से संबद्ध हैं। इसमें करीब एक से सवा लाख विद्यार्थी अध्ययनरत हैं।

विश्वविद्यालय सम्मान भाव प्रदर्शित करें
महान विभूतियों के नाम पर स्थापित विश्वविद्यालयों में विभूतियों के प्रति सम्मान का भाव प्रदर्शित होना चाहिए। उनके संक्षिप्त जीवन और कृतित्व के विवरण को विश्वविद्यालयों में प्रदर्शित करना चाहिए। राज्यपाल टंडन ने कहा कि महान व्यक्तियों के नाम पर स्थापित विश्वविद्यालय से जुड़े हर व्यक्ति को उनके जीवन और कार्यों के विषय में सूचित तथा शिक्षित किया जाना चाहिए। उनके त्याग, बलिदान, शौर्य और सेवा संकल्पों की जानकारियों से संस्था और उसकी गरिमा के प्रति आदर भाव बढ़ेगा। लोगों को उच्च आदर्शों की प्रेरणा और प्रोत्साहन मिलेगा।

पौधा रोपण से भविष्य की वित्तीय आवश्यकताओं में निवेश होगा
राज्यपाल टंडन ने कहा कि विश्वविद्यालयों को पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास के क्षेत्र में नवीन अनुसंधानों और पद्धतियों के व्यवहारिक लाभों से परिचित कराने का केन्द्र बनाया जाये। विश्वविद्यालय आत्म-निर्भरता का मॉडल प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि परिसर में व्यापक स्तर पर पौधा-रोपण किया जाए। रक्षित भूमि पर व्यवसायिक उपयोग वाले वृक्षों के पौधों का रोपण भविष्य की वित्तीय आवश्यकताओं के लिए निवेश होगा। आगे चलकर बड़ी राशि विश्वविद्यालय कोप्राप्त होगी। इसी तरह, सोलर उर्जा के उपयोग से विद्युत व्यय में भी बचत होगी। जल संरक्षण के कार्य, जल संकट की वैश्विक समस्या के समाधान का मार्ग प्रशस्त करेंगे। इसी तरह, परिसर के कचरे से जैव खाद का निर्माण, पौधों के लिए खाद का काम करेगा। बिना व्यय के विश्वविद्यालय की भविष्य की जरूरतों की पूर्ति के लिये पर्याप्त धनराशि भी उपलब्ध हो जायेगी।

रिजल्ट के विलंब के जिम्मेदार कुलपति होंगे
राज्यपाल टंडन ने विश्वविद्यालयों को आगाह किया है कि नये शैक्षणिक वर्ष में समीक्षा का एकमात्र मापदंड, निर्णय और उनका पालन होगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों की समस्याओं और आवश्यकताओं का समाधान किया गया है। इस पर भी परिणाम नहीं मिलने के लिए कौन जिम्मेदार होगा, यह अभी से निश्चित कर लें। उन्होंने कहा कि अब यदि परीक्षा परिणाम में विलंब हो रहा है, तो संबंधित के विरूद्ध कार्रवाई कर परिणाम समय पर घोषित करवाना कुलपति का दायित्व होगा। ऐसा नहीं होने पर कुलपति जिम्मेदार होंगे।

आॅडिट नहीं कराना गम्भीर आर्थिक अपराध
राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा कि शैक्षणिक वातावरण के लिए कुलपतियों को पहल करनी होगी। उनकी प्रेरणा शिक्षकों और विद्यार्थियों को प्रभावित करेगी। उन्होंने कहा कि परिसर के साथ ही व्यवस्था का स्वच्छ होना अनिवार्य है। आॅडिट नहीं कराना, व्यय के औचित्य का प्रमाणीकरण नहीं कराना है। यह गम्भीर आर्थिक अपराध है। आर्थिक अपराधी का समाज में क्या स्थान होता है, यह सबको पता है। उन्होंने कहा कि कुलपति राष्ट्र की भावी पीढ़ी के संरक्षक हैं। यदि विश्वविद्यालय का शैक्षणिक वातावरण और पदाधिकारियों के संस्कार उत्कृष्ट नहीं होंगे, तो पूरा वातावरण प्रदूषित हो जायेगा, जो देश और समाज के लिए हानिकारक होगा।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा हरिरंजन राव, राज्यपाल के सचिव मनोहर दुबे तथा महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय कुलपति नरेंद्र गौतम महाराजा छत्रसाल बुन्देलखंड विश्वविद्यालय कुलपति थापक, पंडित एसएन शुक्ला विश्वविद्यालय और मप्र भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति जयंत सोनवलकर मौजूद थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *