सभी ग्राम पंचायतों का विकास प्लान तैयार

भोपाल

पंचायत एवं ग्रामीण मंत्री  कमलेश्वर पटेल ने कहा है कि राज्य सरकार ने प्रदेश की सभी 22 हजार 812 ग्राम पंचायतों के 50 हजार से अधिक ग्रामों को विकास की मुख्य-धारा से जोड़ने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि बीते एक वर्ष में सभी ग्राम पंचायतों का 'ग्राम पंचायत विकास प्लान' तैयार किया गया है। युवा शक्ति की ग्राम विकास में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए 'युवा ग्राम शक्ति समितियों' के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

मंत्री  पटेल ने कहा कि ग्राम विकास में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री स्वर्गीय मती इंदिरा गाँधी की स्मृति में 19 नवम्बर को प्रियदर्शिनी सभा और 3 मार्च को सबला सभा का आयोजन करने और प्रतिवर्ष 20 अगस्त को सदभावना दिवस मनाने का निर्णय लिया गया है। ग्राम पंचायतों की भुगतान प्रक्रिया को ऑनलाइन किया गया है।

मंत्री  पटेल ने बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत प्रदेश में 12 हजार 362 कि.मी. सड़कों का उन्नयन किया जाएगा। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत दिसम्बर, 2018 से अब तक 554 मार्ग पूर्ण कर 3,319 कि.मी. लंबाई की सड़कें पूर्ण की गईं। इससे 366 बसाहटों को संपर्कता प्रदान की गई। मध्यप्रदेश ग्रामीण सम्पर्कता परियोजना (एम.पी.आर.सी.पी.) द्वारा 855 करोड़ व्यय कर 3,166 कि.मी. लम्बाई की बी.टी./ सी.सी. मार्गो का निर्माण कार्य पूर्ण कराया गया।

मंत्री  पटेल ने बताया किमध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में प्रदेश में राज्य प्रारम्भिक ग्रामीण उद्यमिता कार्यक्रम पायलट स्वरूप में प्रारंभ किया गया है। पिछले एक साल में 5.32 लाख परिवारों को संगठित कर 49,815 स्व-सहायता समूहों का गठन किया गया। इन समूहों को बैंकों से 37,097 प्रकरणों में राशि 232 करोड़ ऋण दिलाया गया। लगभग 1.76 लाख परिवारों को कृषि एवं पशुपालन आधारित आजीविका गतिविधियों एवं लगभग 21 हजार स्व-सहायता समूह सदस्यों को गैर-कृषि आधारित आजीविका से जोड़ा गया। मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण/मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना में ग्रामीण क्षेत्र में 6,269 हितग्राहियों को स्व-रोजगार के लिये वित्तीय सहायता दी गई। ग्रामीण महिलाओं की पंचायत में भागीदारी बढ़ाने के लिये उन्हें पंचायत सखी के रूप में कार्यशील किया जा रहा है। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के कृषि सखी के कार्यों को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है। प्रदेश में 51 जिलों में 5,726 कृषि सखी का चयन कर उन्हें प्रशिक्षण दिया गया। ये कृषि सखी पंजाब, उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा राज्य में भी अपनी सेवाएं दे रही हैं।

मंत्री  पटेल ने बताया कि प्रदेश में मनरेगा योजना में वर्ष 2019-20 के लिये 2,000 लाख मानव दिवस का लक्ष्य है। पिछले एक साल में इस योजना में 6,21,303 कार्य पूर्ण किये गये हैं। नदी पुनर्जीवनकार्यक्रम में चयनित नदियों के 20.83 लाख हेक्टेयर कैचमेंट क्षेत्र में सेचुरेशन मोड में 7,892.15 करोड़ लागत के 4,79,448 जल-संरक्षण एवं जल-संवर्धन कार्यों का चयन किया गया। प्रदेश के 36 जिलों में 40 नदियों को इस कार्यक्रम के अंतर्गत चयनित किया गया है। अब तक 40.92 करोड़ लागत के 4,674 कार्य पूर्ण किये गये। राज्य सरकार द्वारा मनरेगा अंतर्गत गौशाला परियोजना- वर्ष 2019-20 में 1,000 गौशालाओं का लक्ष्य के विरुद्ध 937 गौशालाएं स्वीकृत की गईं। इनमें से 219 गौशाला निर्माण का कार्य पूर्ण हो चुका है। मध्यान्ह भोजनकार्यक्रम में 66,492 शालाओं में एलपीजी गैस कनेक्शन वितरण कर किचिन शेड को धुआं मुक्त किया गया है। मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम में 5300 किचिन शेड के लिए 60.86 करोड़ की राशि जारी की गई है।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना में 2,23,133 आवास निर्माण कार्य पूर्ण किए गए हैं। इस वर्ष 6 लाख आवास का लक्ष्य है, जो पिछले वर्षों में सर्वाधिक है। योजना अंतर्गत महिलाओं के नाम से आवासीय भू-खण्ड एवं आवास आवंटन करने तथा मृत्यु उपरांत इनका हस्तांतरण बेटी-बहू के नाम करने के निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन बेसलाईन सर्वे 2012 में छूटे 3,06,670 शौचालय विहीन घरों में शौचालयों का निर्माण कराया गया है। इंदौर एवं उज्जैन जिले के अंतर्गत 5,000 से अधिक आबादी और स्व-कराधान वाली 21 ग्राम पंचायतों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के कार्य किये जा रहे हैं। प्रदेश में वैज्ञानिक पद्धति से मल प्रबंधन के लिए 'Water Aid Indis' संस्था का सहयोग लिया है। यह एक अंतर्राष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन है, जो स्वयं की निधि से शासकीय संस्थाओं तथा गैर सरकारी संस्थाओं को जल एवं स्वच्छता सेवाओं की बेहतरी के लिए तकनीकी सहयोग देता है।

मंत्री  पटेल ने बताया कि एकल सम्पर्कता विहीन राजस्व ग्रामों को मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं अधोसंरचना विकास निधि से डामरीकृत सड़क बनाए जाने का निर्णय लिया गया है। वर्तमान में 114 गाँव की 250.58 कि.मी. सड़क के लिये 103.20 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। ग्रामीण सरोवर विकास प्राधिकरण गठित करने का निर्णय लिया गया है। यह प्राधिकरण नए सरोवरों/जलीय संरचना आदि का निर्माण तथा पुराने सरोवरों/जलीय संरचनाओं के संधारण का कार्य करेगा।

मंत्री  कमलेश्वर पटेल ने बताया कि ग्राम पंचायत को 14वें वित्त आयोग से प्राप्त होने वाली राशि का भुगतान सरपंच एवं सचिव के डिजिटल सिग्नेचर के माध्यम से किया जा रहा है। इसके लिए प्रिया सॉफ्ट पोर्टल तैयार किया गया है। शत-प्रतिशत ग्राम पंचायतों के जीपीडीपी (ग्राम पंचायत डेवलपमेंट प्लान) तैयार कर ''प्लान प्लस'' पोर्टल पर दर्ज किए गए हैं। इससे कार्यों की बेहतर मॉनिटरिंग हो सकेगी। उन्होंने बताया कि ग्रामीण विकास के क्षेत्र में किये गये कार्यों के लिए भारत सरकार द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण (ग्रामीण) 2019 में पश्चिमी क्षेत्र अंतर्गत शामिल राज्यों में मध्यप्रदेश को तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। साथ ही, ''डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन इन रूरल डेवलपमेंट'' केटेगरी में ई-गवर्नेस डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन अवार्ड 2019 से भी सम्मानित किया गया है।

प्रदेश में पंचायत राज के सुदृढीकरण के लिए राज्य सरकार द्वारा लिये गए महत्वपूर्ण निर्णय इस प्रकार हैं:-

    त्रिस्तरीय पंचायत पदाधिकारियों के नगरीय निकाय में पदग्रहण की तारीख पर पद रिक्त माना जायेगा। कोई भी पदाधिकारी दो पदों पर नहीं रह पायेगा।

    त्रिस्तरीय पंचायतों के प्रथम सम्मेलन के लिये पूर्व निर्धारित 30 दिन की समयावधि को घटाकर 15 दिवस किया गया।

    पंचायत प्रतिनिधियों के विकल्प पर रहने वाली की राशि में बढ़ोत्तरी की गई।

    त्रिस्तरीय पंचायतों की परिसीमन की कार्यवाही पूर्ण की गई।

    समूह के आंतरिक ऋण की दर 24 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत की गई। उत्पादक समूहों का गठन कर विभिन्न योजनाओं/संस्थाओं से प्राप्त राशि का एक संयुक्त कोष बनाया जाकर समूहों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर 30,000/-रूपये प्रति सदस्य के मान से ऋण उपलब्ध कराया जायेगा।

    आपदा प्रबंधन निधि से 4 प्रतिशत की ब्याज दर पर स्व-सहायता समूहों को वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी जायेगी।

    सुदूर संपर्क सड़क योजना निर्माण पर लगा प्रतिबंध हटा लिया गया है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अन्तर्गत प्रदेश उत्कृष्ट कार्य के लिये उत्कृष्ट गुणवत्ता (प्रथम पुरस्कार), मार्गों के संधार में उत्कृष्टता (प्रथम पुरस्कार), ग्रीन टेक्नालॉजी के प्रयोग के लिये (द्वितीय पुरस्कार) तथा सर्वाधिक लम्बाई निर्माण (तृतीय पुरस्कार) प्राप्त हुए।

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