सबसे ज्यादा चुनाव हारने का गिनेस रेकॉर्ड बनाने निकला एक शख्स, 200वीं बार भरा नामांकन

धर्मपुरी
दुनिया में लोगों के कई तरह के लक्ष्य होते हैं। कोई कुछ बनना चाहता है तो कोई कुछ हासिल करना चाहता। जब बात आती है चुनावों की तो हमेशा जीत का ख्याल ही आता है लेकिन तमिलनाडु के सलेम में रहने वाले के पद्मराजन के इरादे कुछ अलग ही हैं। इलेक्शन किंग नाम से मशहूर पद्मराजन अपने नाम गिनेस रेकॉर्ड दर्ज कराना चाहते हैं और वह भी सबसे ज्यादा चुनाव हारने वाले प्रत्याशी के तौर पर। वह अब तक 170 बार चुनाव लड़कर हार चुके हैं।

हर चुनाव में वह सबसे पहले नामांकन दाखिल कर देते हैं। आगामी चुनावों में भी धर्मपुरी सीट से उन्होंने अपना 200वां नामांकन दाखिल किया है। वह मंगलवार को अपने बेटे श्रीजेश पद्मराजन के साथ करीब 9 बजे सुबह कलेक्टर के चेंबर में पहुंचे और सबसे पहले आवेदन दिया। बाद में उन्होंने जिला कलेक्टर कम जिला निर्वाचन अधिकारी एस मलारविझी को अपना आवेदन सौंपा।

'कोई भी लड़ सकता है चुनाव'
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि वह 200वीं बार नामांकन दाखिल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह से वह यह संदेश देना चाहते हैं कि कोई भी किसी भी चुनाव में लड़ सकता है। दरअसल, पद्मराजन के दोस्त उनसे कहते थे कि सिर्फ ताकतवर लोग ही चुनाव लड़ सकते हैं जिसके बाद उन्होंने यह साबित करने का फैसला किया कि चुनाव कोई भी लड़ सकता है। पद्मराजन पेशे से होम्योपैथिक डॉक्टर थे और बाद में वह बिजनस करने लगे।

    आजादी के बाद भारत अप्रैल 2019 में अपने 17वें लोकसभा चुनाव का गवाह बनेगा। पिछले 16 आम चुनावों में देश और चुनाव के तरीकों में बहुत कुछ बदलाव आए हैं। अबतक हुए चुनावों से जुड़ी 10 रोचक जानकारी यहां दी जा रही हैं।
    

    2019 के लोकसभा चुनाव पर कुल खर्च 50 हजार करोड़ (अनुमान) आएगा। यूएस चुनाव (2016) पर खर्च हुए थे 42 हजार करोड़, जिसे पीछे छोड़कर यह चुनाव सबसे महंगा होगा। 2014 लोकसभा चुनाव पर 30 हजार करोड़ का खर्च आया था।
    लोकसभा चुनाव से जुड़ी रोचक बातें

कलाम से लेकर वाजपेयी, सभी के खिलाफ लड़े
वह 1988 से नामांकन भर रहे हैं और वह तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल और कर्नाटक से लेकर दिल्ली तक में चुनावी मैदान में उतर चुके हैं। वह 4 प्रधानमंत्रियों, 11 मुख्यमंत्रियों, 13 केंद्रीय मंत्रियों और 15 राज्य मंत्रियों के खिलाफ असफलतापूर्व चुनाव लड़ चुके हैं। वह पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, एपीजे अब्दुल कलाम, प्रतिभा पाटिल, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, अटल बिहारी वाजपेयी, तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि, केरल के पूर्व मुख्यमंत्री के करुणाकरन और पूर्व केंद्रीय मंत्री एके ऐंटनी के खिलाफ लड़ चुके हैं।

गिनेस रेकॉर्ड पर है नजर
पद्मराजन नामांकन के बाद प्रचार के लिए कोई खर्च नहीं करते लेकिन नामांकन दाखिल करने में ही वह लाखों का नुकसान उठा चुके हैं। उनका नाम पहले ही लिम्का बुक ऑफ रेकॉर्ड्स में दर्ज है और अब उनकी नजर गिनेस रेकॉर्ड पर है। वह बताते हैं कि उनका कोई राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं है लेकिन वह देश के लगभग हर बड़े नेता के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं। वह उम्मीद करते हैं कि गिनेस वर्ल्ड रेकॉर्ड्स उनके रेकॉर्ड को देखेगा।

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