सपा विधायक हरिओम यादव का मायावती पर पलटवार, बोले-बहन जी हैं ‘धोखेबाज’

लखनऊ 
लोकसभा चुनाव 2019 में सपा के साथ गठबंधन के बावजूद उम्‍मीद के अनुसार नतीजे न आने से नाखुश बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी की मीटिंग में कहा है कि यूपी के 11 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में उनकी पार्टी अकेले लड़ेगी. इससे से साफ है कि आने वाले वक्‍त में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन टूटना तय है. सच कहा जाए तो बसपा के निर्णय के बाद उत्‍तर प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया है.

सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली के सेंट्रल ऑफिस में सोमवार को हुई समीक्षा बैठक में मायावती गठबंधन से नाखुश नजर आईं. उन्होंने कहा कि गठबंधन से पार्टी को फायदा नहीं हुआ. यादव का वोट हमारी पार्टी को ट्रांसफर नहीं हुआ.

2019 लोकसभा चुनाव में बीएसपी को संतोषजनक सीटें न मिलने और कुछ प्रदेशों में करारी हार को लेकर मायावती ने पार्टी कार्यकर्ताओं की अखिल भारतीय स्तर पर मीटिंग बुलाई. यूपी के सभी बसपा सांसदों और जिलाध्यक्षों के साथ बैठक में मायावती ने कहा कि पार्टी सभी विधानसभा उपचुनाव में लड़ेगी और अब 50 फीसदी वोट का लक्ष्य लेकर राजनीति करनी है. मायावती ने ईवीएम में धांधली का भी आरोप लगाया.

जानकारों की मानें, तो उपचुनाव लड़ने का फैसला चौंकाने वाला है, क्योंकि बसपा के इतिहास को देखें तो पार्टी उपचुनाव में प्रत्याशी नहीं उतारती है. वर्ष 2018 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भी पार्टी ने प्रत्याशी नहीं उतारे थे और सपा को समर्थन दिया था. इसी आधार पर लोकसभा चुनाव में भी गठबंधन बना, लेकिन परिणाम मनमाफिक नहीं आए. अब अगर मायावती अकेले उपचुनाव में उतरने का फैसला करती हैं तो गठबंधन के भविष्य पर सवाल उठाना लाजमी है.

गौरतलब है कि सपा से गठबंधन के तहत बसपा ने यूपी में 38 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें सिर्फ 10 सीटों पर उसे जीत हासिल हुई. जबकि 37 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली सपा के खाते में महज पांच सीटें ही आईं.

उधर, बैठक के बाद यूपी बसपा के प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा ने हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ा. उन्होंने कहा कि 'ईवीएम घोटाले' की वजह से अनुकूल नतीजे नहीं आए. कुशवाहा ने कहा कि ईवीएम को लेकर पार्टी ने पहले भी आवाज उठाई थी और आगे भी उठाती रहेगी.

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