सत्र बाद होगा कमलनाथ मंत्रिमंडल का विस्तार, इनको मिल सकता है मौका

भोपाल
पिछले एक महीने से कमलनाथ मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर लगाई जा रही अटकलों पर फिलहाल विराम लग गया है। अब सत्र के बाद ही मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। जिसमें आधा दर्जन के करीब विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है। चर्चा थी कि मुख्यमंत्री कमलनाथ दिल्ली प्रवास के दौरान संभावित मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा कर सकते हैं, लेकिन खबर है कि फिलहाल मंत्रिमंडल और संगठन में बदलाव पर कोई निर्णय नहीं हुआ है। दिल्ली से लौटकर मुख्यमंत्री सत्र की तैयारियों में जुट सकते हैं।

लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस में अलग-अलग गुटों से बगावती तेवर उठ रहे हैं, पिछले महीने ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि मुख्यमंत्री कमलनाथ जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं। लेकिन इससे पहले पीसीसी चीफ को लेकर पार्टी के भीतर अंतर्कलह शुरू हो गया। इसी कलह के चलते मंत्रिमंडल का विस्तार टल गया है। छह महीने पहले मंत्रिमंडल के गठन के बाद से ही सरकार में जगह न पाने वाले पार्टी के वरिष्ठ विधायक और बाहर से सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय एवं सपा-बसपा के विधायकों की नाराजगी समय-समय पर सामने आती रही है। हालांकि पिछले कुछ दिनों से निर्दलीय समेत सपा और बसपा के विधायक शांत है। हालाकि मंत्रिमंडल विस्तार कब होगा, यह अभी भी तय नहीं है। फिलहाल कमलनाथ कैबिनेट में मुख्यमंत्री समेत अन्य 28 मंत्री हैं। इसलिए मंत्रिमंडल में 6 नए चेहरे ही शामिल किए जा सकते हैं। जबकि कुछ मंत्रियों को बाहर किया जाना है, जिस पर हाईकमान की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। संभवत: हाई कमान से चर्चा के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ मंत्रिमंडल विस्तार पर सत्र के बाद फैसला ले सकते हैं|

इन्हें बनाया जा सकता है मंत्री

मंत्रिमंडल में वरिष्ठ विधायकों में छह बार के विधायक केपी सिंह समेत बिसाहूलाल सिंह, एंदल सिंह कंसाना और राज्यवद्र्धन सिंह दत्तीगांव को जगह मिल सकती है। साथ ही निर्दलीय विधायक सुरेन्द्र सिंह शेरा, बसपा विधायक राम बाई एवं विधायक संजीव सिंह  एवं सपा से राजेश शुक्ला को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।

सरकार को धमकी दे चुके हैं विधायक

निर्दलीय समेत सपा और बसपा के विधायक सरकार को धमकी दे चुके हैं। तब मुख्यमंत्री कमलनाथ को विधायकों से अलग-अलग चर्चा कर किसी तरह मनाना पड़ा। निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह ठाकुर और केदार सिंह डाबर भी उम्मीद जता रहे हैं कि उन्हें मंत्रिमंडल में स्थान मिलेगा। इसके साथ ही बसपा विधायक संजीव सिंह कुशवाह और सपा से राजेश शुक्ला को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की चर्चा है। इन विधायकों को कैबिनेट में  शामिल न किए जाने की वजह उनके पहली बार विधायक चुना जाना बताया गया था।

सीएम कर चुके हैं अटकलों को खारिज

एक पखवाड़े पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ राज्यपाल आनंदीबेन से मुलाकात करने राजभवन गए थे। तब इस मुलाकात को मंत्रिमंडल विस्तार से जोड़कर देखा जा रहा था। हालांकि बाद में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों को यह कहकर खारिज कर दिया था कि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर उन्होंने अभी सोचा भी नहीं है। यह सिर्फ मीडिया की सोच है।

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