संस्था पर चीन का कब्जा, अमेरिका ने किया WHO से हटने का ऐलान: ट्रंप  

 
अमेरिका

कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा त्रस्त अमेरिका विश्व स्वास्थ्य संगठन से हटने का ऐलान कर दिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि WHO पूरी तरह से चीन के नियंत्रण में है. WHO बदलाव की प्रक्रिया शुरू करने में नाकाम रहा और अमेरिका विश्व स्वास्थ्य संगठन से अपना रिश्ता खत्म करेगा. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि चीन WHO को एक साल में 40 मिलियन डॉलर देने के बावजबूद अपने नियंत्रण में रखता है जबकि अमेरिका एक साल में WHO को करीब 450 मिलियन डॉलर का अनुदान देता है. WHO से सुधार को लेकर जो सिफारिश की गई थी उसे लागू नहीं किया गया, इसलिए अमेरिका WHO से अपना रिश्ता तोड़ रहा है.

अब तक 58 लाख से ज्यादा लोग पीड़ित
कोरोना महामारी पूरी दुनिया में तबाही मचा रही है और यह 188 देश में फैल चुका है. इस महामारी से अब तक 5,878,701 संक्रमित हो चुके हैं जिसमें 362,769 लोगों की मौत हो चुकी है. इससे सबसे ज्यादा त्रस्त अमेरिका रहा जहां पर 1,735,971 मामलों में से 102,323 लोगों की मौत हो चुकी है. एक लाख से ज्यादा लोगों की मौत के बाद भी अमेरिका में मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा. सिर्फ अमेरिका ही नहीं बल्कि अन्य देश में इससे परेशान हैं. भारत समेत 12 देशों में यह महामारी 1 लाख के आंकड़े को भी पार कर चुकी है. साथ ही प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है.

WHO ने बनाया नया फाउंडेशन
इससे पहले कोरोना महामारी से पूरी दुनिया में तबाही मची हुई है. महामारी को फैलने से रोकने और स्थिति को संभालने में विफल रहने के आरोप झेल रहे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक नए फाउंडेशन का ऐलान किया. इस फाउंडेशन के तहत किसी महामारी से निपटने के लिए फंडिंग एकत्र की जाएगी, जिसमें ना सिर्फ बड़े देशों बल्कि आम लोगों से भी मदद ली जाएगी.
अमेरिका के निशाने पर था WHO

बीते दिनों अमेरिका ने WHO को दी जाने वाली अपनी सहायता राशि पर रोक लगा दी थी, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने WHO पर कोरोना वायरस को पहचानने में फेल होने का आरोप लगाया था और चीन का साथ देने को लेकर आलोचना की थी. साथ ही राष्ट्रपति ट्रंप ने WHO डायरेक्टर को एक चिट्ठी लिखी, जिसमें उन्होंने 30 दिन के भीतर संगठन में बड़े बदलाव करने को कहा था. अन्यथा अमेरिका अपनी राशि को हमेशा के लिए बंद कर देगा और संगठन से अलग होने पर विचार कर सकता है. अमेरिका की ओर से लगातार यह आरोप लगाया जाता रहा है कि WHO ने कोरोना वायरस के मामले में घोर लापरवाही बरती और पूरी तरह से चीन का पक्ष लिया, इसी वजह से दुनिया को भुगतना पड़ रहा है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के डायरेक्टर टेड्रोस ने इसकी घोषणा करते हुए बताया था कि ये एक स्वतंत्र संगठन होगा. जिसमें मौजूदा तरीकों से अलग हटकर फंडिंग को जुटाया जाएगा. वर्तमान परिस्थितियों में WHO को हर सदस्य देश अपनी ओर से सहायता राशि देता है, उसी के आधार पर दुनियाभर में आने वाले मुश्किलों को लेकर WHO किसी तरह की मदद करता है.

आर्थिक संकट से जूझ रहा WHO
बीते दिनों ही WHO की ओर से बयान जारी किया गया था कि उसका मौजूदा बजट 2.3 बिलियन डॉलर है, जो वैश्विक संस्था के हिसाब से काफी कम है. साथ ही अमेरिका की फंडिंग रुक गई है, इसलिए हमें और अधिक फंडिंग की जरूरत है. सिर्फ अमेरिका ने ही नहीं बल्कि उसके दबाव के बाद कई अन्य देशों ने भी WHO में बदलाव की अपील की है. ऐसा आरोप है कि WHO को कोरोना वायरस के बारे में दिसंबर में पता था, लेकिन उसने दुनिया को आगाह नहीं किया था.
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *