संस्कारयुक्त-गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना यूजीसी की प्राथमिकता : यूजीसी चेयरमेन सिंह

भोपाल
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग  यूजीसी ने भारत सरकार के निर्देश पर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विकास के लिए कई नवाचार किए हैं। यूजीसी ने शिक्षा के क्षेत्र में क्वालिटी मैंडेट को स्वीकार किया है। विद्यार्थियों को  गुणवत्ता तथा संस्कार युक्त, मूल्य आधारित शिक्षा उपलब्ध कराने की  दिशा में सार्थक पहल की है। ये बात आज पत्रकारवार्ता के दौरान यूजीसी चेयरमेन प्रो. डीपी सिंह ने कही।

दीक्षारंभ से नये प्रवेशित स्टूडेंट्स होंगे टेंशन फ्री
यूजीसी ने दीक्षा आरंभ के नाम से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नव प्रवेशित विद्यार्थियों के लिए स्टूडेंट इंडेक्शन प्रोग्राम प्रस्तुत किया है। कॉलेजों में आने वाले नए विद्यार्थियों को छह दिनी मॉड्यूल में उन्हें पाठ्यक्रमों में भविष्य की संभावनाओं की जानकारियां दी  जाएंगी। मुझे लगता है कि विद्यार्थियों में अच्छे नागरिक के तौर पर विकसित होने के संस्कार डालने की शुरूआत उच्च शिक्षा क्षेत्र में उस विद्यार्थी के प्रवेश के साथ ही करना चाहिए। एनएलआईयू भोपाल में तीन दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू कर दिया गयाहै। इसमें मप्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान के उच्च शिक्षा क्षेत्र से जुड़े शिक्षाविद, विश्वविद्यालयों के कुलपति आज भाग ले रहे हैं। इंडेक्शन प्रोग्राम में नव प्रवेशित विद्यार्थियों में सीनियर का भय खत्म हो जाएगा। इससे कालेजों में शैक्षणिक माहौल तैयार होगा।

विद्यार्थी को निखारने के प्रयास
 भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने इनफॉरमेशन कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी के विस्तार की भी कोशिश की है। शिक्षा देने के साथ-साथ विश्वविद्यालय अनुदान आयोग विद्यार्थियों के लिए जीवन कौशल विकास क्षेत्र में भी मार्गदर्शन देने के लिए प्रयास कर रहा है। विद्यार्थियों में कम्युनिकेशन स्किल, उद्यमशीलता नेतृत्व क्षमता विकसित करने पर भी ध्यान दिया जा रहा है।

प्रोफेसरों के लिए फैकल्टी इंडक्शन प्रोग्राम डिजाईन
आयोग  ने शिक्षकों के लिए भी फैकल्टी इंडक्शन प्रोग्राम शुरू किया है। इसके माध्यम से शिक्षकों को कोड आफ कंडक्ट की जानकारी देते हुए विद्यार्थियों के रोल मॉडल के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। उच्च शिक्षा संस्थानों को सामाजिक समरसता का केंद्र बनाने और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने, जिम्मेदार नागरिक बनाने के लिए इन शिक्षकों को उत्प्रेरक  के रूप में उपयोगी बनाना आयोग की मंशा है। यूजीसी ने अपने 13 लाख शिक्षकों को उनके विषय में और प्रवीण बनाने के लिए अर्पित नामक आॅनलाइन कार्यक्रम बनाया है। जिसमें वह शिक्षक कहीं  से भी आॅनलाइन ज्ञानार्जन कर सकते हैं। शिक्षा के क्षेत्र के प्रशासकों,  कुलपतियों की लीडरशिप क्वालिटी को और बेहतर बनाने के लिए उन्हें शिक्षा क्षेत्र के नवाचारों की जानकारियां देने, प्रशासनिक कार्यों तथा नियमों और प्रक्रिया आदि की जानकारी देने के लिए आयोग ने लिप कार्यक्रम शुरू किया है।

शोध की बहुत ज्यादा जरुरत
आयोग अध्यक्ष ने कहा की विभिन्न विषयों पर शोध उच्च शिक्षा के लिए बहुत ज्यादा जरूरी और उपयोगी होती है। शोध को बढ़ावा देने के लिए यूजीसी ठोस प्रयास कर रही है, इसके लिए स्ट्राइड नाम एक कार्यक्रम बनाया है। इसके तहत शोध संबंधी कार्यों के लिए विश्वविद्यालयों  को 500 करोड़ रुपए का फंड उपलब्ध कराया गया है। आयोग का प्रयास है कि उच्च शिक्षा संस्थानों में की जा रही शोध सामाजिक रूप से प्रासंगिक और स्थानीय आवश्यकताऔर परिस्थितियों के लिए अनुकूल और उपयोगी हों। आयोग राष्ट्र राष्ट्रीय स्तर पर और प्रोत्साहन  देने के प्रयास करता है।

पांच गांव लेंगे गोद
प्रो. सिंह ने कहाकि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने अपने विद्यार्थियों को समाज से जोड़ने के लिए सोशल कनेक्ट पर विशेष ध्यान दिया है, जिसके माध्यम से उन्हें समाज और सामाजिक परिवेश के निकट आने का अवसर उपलब्ध कराया  जाएगा। इस सोशल कनेक्ट कार्यक्रम के तहत विश्वविद्यालय और कालेजअपने आसपास के 5 गांवों को चुनेंगे। जहां इन संस्थानों के विद्यार्थियों को ग्रामों की सामाजिक, आर्थिक सांस्कृतिक परंपराओं और नीतियों की जानकारियां लेने के साथ-साथ ग्राम के विकास के लिए भी कार्य करने का अवसर प्राप्त होगा।

नैक की रैकिंग में कालेजों को खड़ा कराएंगे बेहतरीन विश्वविद्यालय  
यूजीसी चेयरमेन सिंह ने कहाकि यूजीसी सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को नैक की ग्रेडिंग प्राप्त करने और इससे जुड़ने के लिए प्रेरित कर रहा है। इसके लिए आयोग ने परामर्श नामक योजना प्रस्तुत की है। इस योजना में उत्कृष्ट नेक की ग्रेडिंग पाने वाले कॉलेज और विश्वविद्यालय  प्रेरक के रूप में नए कालेजों की सहायता करेंगे। इसके अलावा आयोग पूर्व छात्रों को उनके कालेज व विश्वविद्यालयों से एक बार फिर जोड़ने पर ध्यान दे रहा है। जल्दी ही इस बारे में मार्गदर्शक निर्देश जारी किए जाएंगे। आयोग का मानना है कि इन पूर्व छात्रों के माध्यम से ना सिर्फ संस्थानों के विद्यार्थियों और समाज को मार्गदर्शन  तथा सहयोग प्राप्त होगा बल्कि समर्थ  पूर्व छात्रों से इन शिक्षण संस्थाओं की  बहुत सी आवश्यकताओं की पूर्ति करने में भी मदद मिलेगी। अध्यक्ष सिंह ने कहाकि महात्मा गांधी सहित सभी विभूतियों, दार्शनिकों और शिक्षाविदों ने व्यक्तित्व के समग्र विकास को निखारने वाली शिक्षा प्रणाली विकसित करने और अमल में लाने की अहमियत और जरूरत बार-बार जताई है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग भी गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने के साथ साथ  बेहतर नागरिक बनाने  का लक्ष्य लेकर राष्ट्र के निर्माण में  अपना विनम्र योगदान देने का प्रयास कर रहा है।

देश में चल रहे  911 विश्वविद्यालय
यूजीसी चेयरमेन सिंह ने कहा कि हमारे देश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में लगातार विकास हो रहा है। देश में इस समय 48 केंद्रीय विश्वविद्यालय, 400 राज्य विश्वविद्यालय,126  डीम्ड विश्वविद्यालय  और 337 निजी विश्वविद्यालय संचालित हो रहे हैं। उनके माध्यम से राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के अंतर्गत शिक्षा के विस्तार के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। यूजीसी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा पिछले कुछ वर्षों से लगातार ओपन और डिस्टेंस एजुकेशन (ओपन) तथा आॅनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने की कोशिश हो रही है। नेट द्वारा ए प्लस और ए प्लस प्लस की ग्रेडिंग प्राप्त विश्वविद्यालय आॅनलाइन एजुकेशन प्रदान कर रहे हैं। उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बना हुआ यूजीसी उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नियमों प्रारूप बनाने के साथ-साथ मार्गदर्शक के रुप में भी उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए दिशा निर्देशन देने का काम कर रही है। यूजीसी उच्च शिक्षा दे रहे विश्वविद्यालयों के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का जो प्रयास कर रही है। उसके लिए 27 जुलाई 2018 को एक बड़े समाज सम्मेलन में विश्वविद्यालयों ने गुणवत्ता और मूल्य आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक मैंडेट पास किया है और स्वीकार भी किया है। यूजीसी का लक्ष्य और प्रयास है कि विद्यार्थी  केंद्रित शिक्षा और योग्य शिक्षक  तैयार तथा प्रस्तुत किए जाएं।

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