संसद को निलंबित करने के लिए बोरिस जॉनसन ने महारानी से मांगी माफी

लंदन
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने महारानी एलिजाबेथ द्वितीय से संसद को निलंबित करवाने के लिए माफी मांगी है। इस सप्ताह ब्रेटेन के सुप्रीम कोर्ट ने भी पीएम बोरिस के निर्णय क खिलाफ फैसला सुनाया है। संडे टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक बोरिस जॉनसन ने महारानी को फोन करके माफी मांगी। एक सूत्र ने अखबार को बताया, 'उन्होंने फोन करके जल्दी से महारानी को सॉरी कहा।'
यूके सुप्रीम कोर्ट ने पीएम के इस फैसले को अवैधानिक बताया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रधानमंत्री और महारानी के बीच भरोसे पर सवाल खड़े हुए। रॉयल पैलेस के एक सूत्र ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरन की तरह बोरिस ने भी विश्वास खो दिया है। डेविड पर भी आरोप था कि उन्होंने महारानी के साथ हुई बातों को सार्वजनिक कर दिया था। बता दें कि बोरिस जॉनसन ने पांच महीने के लिए संसद को रोकने का फैसला लिया था। इसके बाद विपक्ष के नेताओं समेत उनकी पार्टी के भी कुछ नेताओं ने इस फैसले का विरोध किया था।

इस झटके के बाद बोरिस जॉनसन खुद को सही दिखाने की कोशिश में हैं और वह ब्रेग्जिट के लिए प्रतिबद्धता दिखा रहे हैं। ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा कि वह ब्रुसेल्स के साथ किसी करार के साथ या करार के बगैर ब्रिटेन को अगले महीने यूरोपीय संघ (EU) से बाहर निकाल लेंगे। जॉनसन ने रविवार को अपनी कंजर्वेटिव पार्टी के सांसदों को इकट्ठा किया है। यह चुनाव से पहले पार्टी का अंतिम सम्मेलन हो सकता है। जॉनसन ने उत्तर पश्चिम इंग्लैंड के मैनचेस्टर में बीबीसी टीवी से कहा, ‘हमें आगे बढ़ने की जरूरत है। हमें 31 अक्टूबर तक ब्रेग्जिट से बाहर होना है।’

यहां उनका एक सम्मेलन हो रहा है। हालांकि, ब्रेग्जिट पर उनके सख्त रूख ने उन्हें हाउस ऑफ कॉमन्स में मुश्किल में डाल दिया है और उन्होंने अपने कई सांसद गंवा दिए हैं। लंदन के क्वीन मेरी यूनिवर्सिटी के प्राध्यापक टिम बेल ने कहा कि यह सम्मेलन जॉनसन के लिए और ब्रेग्जिट के लिए एक रैली होगी।

गौरतलब है कि संसद को निलंबित रखने के जॉनसन के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को रद्द कर दिया। जॉनसन की योजना हाउस ऑफ कॉमंस को बुधवार को संबोधित करने की है। प्रधानमंत्री के पद पर दो महीने का जॉनसन का कार्यकाल संकट वाला रहा है। उन्हें निचले सदन में सात बार शिकस्त का सामना करना पड़ा है।

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