बालाकोट का सच बताने वाली इतालवी पत्रकार की वेबसाइट हैक करने का प्रयास

रोम
पाकिस्‍तान के बालाकोट में भारतीय वायुसेना की कार्रवाई में 170 आतंकियों के मारे जाने का दावा करने वाली इतालवी पत्रकार फ्रांसेस्का मरीनो की वेबसाइट www.stringerasia.it को हैक करने का प्रयास किया गया है। पत्रकार फ्रांसेस्का ट्वीट करके इसकी जानकादी दी है। उन्‍होंने बताया कि हैकिंग के प्रयास के बारे में पुलिस को सूचना दे दी गई है।

बालाकोट हमले की इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद बड़ी संख्‍या में लोग जहां सच को सामने लाने के लिए उनकी तारीफ कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कई ऐसे भी लोग हैं जो उन्‍हें ट्रोल कर रहे हैं। उनके दावे पर सवाल उठा रहे हैं। गौरतलब है कि पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय सेना द्वारा की गई एयर स्ट्राइक में मार गए आतंकवादियों की संख्या को लेकर राजनीतिक बहस चल रही है।

इसी बीच फ्रांसेस्का ने दावा किया है कि भारतीय वायुसेना की कार्रवाई में जैश के 130 से 170 आतंकी ढेर हो गए थे। बता दें कि कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद वायुसेना ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकी शिविरों को निशाना बनाया था। पुलवामा हमले में 40 से ज्यादा सीआरपीएफ के जवान शहीद हो गए थे। जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी।

'वायुसेना की कार्रवाई में बड़ी संख्या में आतंकी मारे गए'
फ्रांसेस्का मरीनो नाम की विदेशी पत्रकार का दावा है कि वायुसेना की कार्रवाई में बड़ी संख्या में आतंकी मारे गए। विदेशी पत्रकार ने दावा किया कि 26 फरवरी की सुबह लगभग 3:30 बजे जब वायुसेना ने आतंकी शिविरों को निशाना बनाया। इसके बाद पाकिस्तानी आर्मी की एक टुकड़ी 6 बजे के करीब वहां पहुंची। यह टुकड़ी 20 किलोमीटर दूर अपने कैंप से यहां पहुंची थी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि शिंकारी में पाकिस्तानी सेना का आर्मी बेस है औ यहां जूनियर लीडर अकैडमी भी है। सेना ने घायलों को हरकत-ए-मुजाहिदीन के कैंप में भेजा जहां आर्मी के डॉक्टरों ने उनका इलाज किया। पत्रकार ने दावा किया कि एयर स्ट्राइक में 130 से 170 आतंकी मारे गए और 20 की इलाज के दौरान मौत हो गई। 45 घायलों का इलाज अब भी HuM के कैंप में चल रहा है।

पाक आर्मी ने घायलों को बाहर जाने की इजाज़त नहीं दी
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाक आर्मी ने घायलों को कैंप से बाहर जाने की इजाज़त नहीं दी है। एयर स्ट्राइक में मारे गए आतंकियों में 11 ट्रेनर थे। उनमें से कई बम बनाने का काम करते थे और अन्य को हथियार चलाने के प्रशिक्षण दिया जाता था। रिपोर्ट के मुताबिक ये ट्रेनर अफगानिस्तान से आते थे।

पत्रकार का दावा है कि पाकिस्तान की सरकार को जब यह पता चला तो उसने इस खबर को मीडिया में जाने से रोक लिया। हालांकि जैश के लोगों ने मारे गए आतंकियों के परिवार को आर्थिक मदद दी। अब पाकिस्तान की अर्मी पर भी जैश का कंट्रोल है और लोकल पुलिस को भी बमबारी वाली जगह पर जाने की इजाज़त नहीं है।

कौन हैं पत्रकार फ्रांसेस्का मरीनो
इतालवी पत्रकार फ्रांसेस्का मरीनो वर्ष 2010 में जमात-उद-दावा के चीफ आतंकी हाफिज सईद का इं‍टरव्‍यू लिया था। इसके बाद वह चर्चा में आईं। उन्‍होंने किताब (Apocalypse Pakistan – Anatomy of the most dangerous country in the world) लिखकर बताया कि पाकिस्‍तान खतरनाक आतंकियों को पनाह दे रहा है। इस किताब के बाद पाकिस्‍तान ने उन पर प्रतिबंध लगा दिया। उन्‍हें इसकी जानकारी नहीं थी और जब वह कराची पहुंची तो उन्‍हें खुफिया एजेंसी ने हिरासत में ले लिया। बाद में उन्‍हें पाकिस्‍तान छोड़कर जाने के लिए कहा गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *