संकट में अन्नदाता : बारिश से उत्तराखंड में फसलों को नुकसान, किसान हुए परेशान

सितारगंज

बरसात से किसानों की गेहूं की फसल को भारी नुकसान हुआ है। हवाओं से गेहूं के पौधे गिरे हैं वहीं बालियों को भी नुकसान हुआ है। किसानों के अनुसार गेहूं का दाना भी अपेक्षाकृत छोटा होगा। इधर बेमौसमी बरसात से गन्ना लगाने में भी देरी हो रही है।पिछले दो दिन से लगातार बरसात व तेज हवाओं से गेहूं की फसल में नुकसान हुआ है। दो बार पहले भी तज बारिश से गेहूं, लाही, मसूर की फसल को नुकसान हो चुका है। पिछले दो दिनों से हो रही बारिश से और अधिक नुकसान हो गया है। किसानों को भविष्य की चिंता सता रही है। किसान नेता गुरसाहब सिंह ने कहा कि मौसम की मार किसानों पर पड़ी है। इस बार बेमौसमी धान लगाने पर सरकार ने प्रतिबंध लगाया है। किसान गन्ने की बुआई करने की तैयारी कर रहा है। लेकिन बारिश के कारण गन्ने की बुआई भी नहीं हो पा रही है।

 

गेंहू की 15 से बीस प्रतिशत फसल हुई बर्बाद

जसपुर में बारिश के चलते मौसम में ठंडक तो पैदा हो गई। लेकिन सैकड़ों किसानों की उम्मीदों पर पानी भी फेर दिया है। पहले से ही बारिश की मार झेल रहे किसानों की हालत खराब थी। गुरूवार रात और शुक्रवार को हुई बारिश ने किसानों की करीब 15 से बीस प्रतिशत फसल को खराब कर दिया है। किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है।

 

गुरुवार देर रात से शुरू हुई बारिश शुक्रवार को भी पूरे दिन रूकरूकर होती रही। इससे मौसम में परिर्वतन तो आ गया। लेकिन किसानों की बारिश से बची हुई गेहूं की फसल भी बर्बाद हो गई। बारिश से खेतों में पानी भर गया तथा जुताई के लिए खाली हुए खेत भी बारिश से लबालब हो गए। बारिश से किसान परेशान हो गए। भाकियू के जिला अध्यक्ष प्रेम सहोता ने बताया कि ब्लाक क्षेत्र में 15 से बीस प्रतिशत फसल गेहूं की बर्बाद हो चुकी है। उन्होंने सरकार से मुआवजा दिलाने की मांग की है।बताया कि बुआई के लिए खाली खेत भी पानी से भर गए। इससे किसान परेशान हो गए।  

 

बागवानी को बारिश से फायदा

उद्यान विभाग के एडीओ शंकर कोहली बताते है कि बारिश से आम, लीची ओर अमरूद की फसलों को फायदा पहुचेंगा। बताया कि बारिश इन फसलों के लिए अमृत है।

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