शेयर बाजार में बंंपर बढ़त, सेंसेक्स 537 और निफ्टी 150 अंक तेज
मुंबई
वैश्विक बाजारों की कमजोरी और कच्चे तेल की महंगाई जैसे नकारात्मक कारकों के बावजूद देश के शेयर बाजार ने शुक्रवार को दमदार प्रदर्शन किया। आज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 30 शेयरों का सूचाकंक सेंसेक्स 537.29 अंक (1.44%) की तेजी के साथ 37,930.77 पर जबकि नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के 50 शेयरों का सूचकांक निफ्टी 150.05 अंक (1.33%) की मजबूती के साथ 11,407.15 पर बंद हुआ।
इससे पहले गुरुवार को भी बाजार 1 प्रतिशत मजबूत होकर बंद हुआ था। शुक्रवार को जारी सप्ताह के आखिरी कारोबारी सत्र में ट्रेडर्स ने रविवार को आने वाले एग्जिट पोल्स की उम्मीद में जमकर खरीदारी की।
प्राइवेट बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों, ऑटो कंपनियों के साथ-साथ रीयल्टी कंपनियों के शेयरों में जोरदार खरीदारी हुई। वहीं, आईटी, फार्मा और पीएसयू बैंकों के शेयरों में भी अच्छी-खासी निवेश हुए।
बजाज, हीरो मोटोकॉर्प, मारुति, कोटक महिंद्रा बैंक, एचडीएफसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईसीआईसीआई बैंक, ऐक्सि बैंक, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा ने सेंसेक्स को बढ़त दी। वहीं, निफ्टी में जी एंटरटेनमेंट, बजाज फाइनैंस, बजाज फिनसर्विसेज, मारुति, हीरो मोटोकॉर्प, कोटक महिंद्रा, बजाज ऑटो, आइशर मोटर्स, एचडीएफसी और हिंदुस्तान यूनिलीवर ने जबदर्दस्त प्रदर्शन किया।
एग्जिट पोल की आस
शेयर बाजार जब नए सप्ताह में खुलेगा तब तक देश में आखिरी एवं सातवें चरण का चुनाव संपन्न हो चुका होगा और एग्जिट पोल रिजल्ट्स भी आ चुके होंगे। ऐसे में ट्रेडर्स ने जारी सप्ताह के आखिरी सत्र में उत्साह दिखाया।
जेमस्टोन इक्विटी रिसर्च ऐंड अडवाइजरी सर्विसेज के कंसल्टैंट टेक्निकल ऐनालिस्ट मिलन वैष्णव के मुताबिक, ऐसा अनुमान था कि लोकसभा चुनाव के परिणाम आने से पहले ट्रेडर्स अपने-अपने पोजिशन अजस्ट करेंगे। हालांकि, विश्लेषकों ने निवेशकों को चेतावनी दी है कि वे एग्जिट पोल रिजल्ट्स पर बहुत भरोसा नहीं करें।
यूबीएस ने कहा, 'पिछले तीन लोकसभा चुनावों के एग्जिट पोल्स सही साबित नहीं रहे थे। 2004 में एग्जिट पोल्स ने बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए की सत्ता में वापसी की गलत भविष्यवाणी की थी। फिर 2009 में कांग्रेस की अगुवाई वाले यूपीए गठबंधन की सीटों में बड़ी कमी की ओर इशारा किया था जो गलत निकला। 2014 में एग्जिट पोल में यह तो सही बताया गया कि बीजेपी की अगुवाई में एनडीए की सरकार बनने जा रही है, लेकिन जीत के अंतर का सही आकलन करने में पिछड़ गए।'