शिव-गंगा के बाद अब राम लला की शरण में प्रियंका गांधी, जानें अयोध्या दौरे के सियासी मायने

लखनऊ 
लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग में कुछ दिन बचे हैं. ऐसे में हर राजनीतिक दल अपने-अपने सियासी दांव और चाल चलने में व्यस्त है. कांग्रेस की महासचिव और पूर्वी यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी गंगा यात्रा और शिव पूजा के बाद अब राम लला के शरण में आ रही हैं. शुक्रवार को वह अपनी मां सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में थीं. अब इसी रास्ते अयोध्या पहुंच रही हैं. यहां प्रियंका रोड शो और नुक्कड़ सभा करेंगी. रोड शो से पहले वह हनुमान गढ़ी मंदिर जाकर दर्शन-पूजन कर संतों का आशीर्वाद भी लेंगी.
 
पहले प्रयागराज से वाराणसी तक गंगा यात्रा और अब विवादित राम जन्मभूमि अयोध्या की यात्रा. कांग्रेस की पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी अपने क्षेत्रों की यात्रा में व्यस्त हैं, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि ये यात्राएं केवल यात्राएं हैं, या फिर इनके कोई राजनीतिक मायने भी हैं?

जहां उनकी गंगा यात्रा का उद्देश्य राज्य की अधिकतर पिछड़ी जातियों को संदेश भेजना था वहीं लगता है कि अयोध्या यात्रा को पार्टी की 'मिशन 30' योजना के तहत आने वाली कुछ चुनिंदा सीटों पर डायरेक्ट इलक्ट्रोल एक्शन के रूप में योजनाबद्ध किया गया है.

पार्टी ने गांधी के लिए दिल्ली से अयोध्या तक ट्रेन यात्रा की योजना बनाई थी, उन्हें सड़क के रास्ते सुल्तानपुर होते हुए अमेठी जाना था. हालांकि, बाद में यह योजना बदल दी गई.

पार्टी नेता ने बुधवार को लखनऊ के लिए उड़ान भरी और सड़क मार्ग से अमेठी की यात्रा जारी रखी. वह अमेठी में कैंप लगाएंगी और अपने भाई और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र में पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलेंगी. शुक्रवार को वह सड़क मार्ग से सुल्तानपुर होते हुए अयोध्या पहुंचेगी. रास्ते में वह स्थानीय निवासियों से मिलेंगी और विभिन्न मुद्दों पर बात करेंगी.

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