शिवसेना ने एल्गार परिषद सम्मेलन की तुलना आतंकवादी संगठन अल-कायदा से की

मुंबई 
शिवसेना ने सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद आनंद तेलतुम्बडे के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई का समर्थन करते हुए पुणे में आयोजित एल्गार परिषद के सम्मेलन की तुलना आतंकवादी संगठन अल-कायदा से की है। शिवसेना ने कहा कि पुलिस, प्रशासन और कानून पर लगातार हमले करना, राज्य सरकार पर संदेह पैदा करना तथा लोगों का मनोबल गिराना आतंकवादी संगठन अल-कायदा की चाल होती है। 

शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित संपादकीय में तीखी टिप्पणी करते हुए लिखा, ‘एल्गार परिषद का समर्थन कर रहे लोगों की भी यही रणनीति है।’ उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना ने कहा कि दलित नेता प्रकाश आम्बेडकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को आतंकवादी संगठन कहते हैं लेकिन संघ एक प्रखर राष्ट्रवादी संगठन है। तेलतुम्बडे कोरेगांव-भीमा मामले में आरोपी हैं।पुलिस ने उन पर माओवादियों से तार जुड़े होने का आरोप लगाया है।

एक जनवरी, 2018 को महाराष्ट्र के पुणे जिले के पास कोरेगांव-भीमा गांव में हिंसक संघर्ष के बाद मामला दर्ज किया गया था। तेलतुम्‍बडे को इस मामले में पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया गया था और एक सत्र अदालत के आदेश के बाद रिहा कर दिया गया था। 31 दिसंबर, 2017 को एल्गार परिषद के कार्यक्रम के बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। 

पुलिस ने आरोप लगाया था कि इस कार्यक्रम के बाद अगले दिन कोरेगांव-भीमा में हिंसा भड़क गई थी। पुलिस के अनुसार, माओवादियों ने कार्यक्रम का खर्च उठाया था और इसे समर्थन दिया था। शिवसेना ने लिखा, ‘कोरेगांव-भीमा दंगों ने समाज में विभाजन पैदा कर दिया है। दंगों में दलितों पर हमले किए गए। बगावत के बीज बोना, इस तरह का साहित्य बनाना और उसका प्रसार करना तथा इसके लिए पैसा इकट्ठा करना दरअसल माओवादी बुद्धिजीवियों का काम है। अल-कायदा और एल्गार से जुड़े बुद्धिजीवियों का काम करने का तरीका एक जैसा है।’ 

पार्टी ने कहा कि हत्या, भ्रष्टाचार और नरसंहार जैसे आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे लोग कई बार बरी हो जाते हैं, जिसका यह मतलब नहीं है कि वे बेगुनाह हैं और तेलतुम्बडे के समर्थकों को यह जान लेना चाहिए। शिवसेना ने दावा किया कि कुछ गंभीर ‘राष्ट्रविरोधी गतिविधियों’ की साजिश रची जा रही थी और पुलिस को अपराधी के तौर पर प्रदर्शित करना इस तरह की साजिश की शुरुआत है। पार्टी ने कहा कि यह पुलिस के साथ दृढ़ता के साथ खड़े होने का सही समय है। 

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