शिवराज सिंह चौहान ने रेत खनन को लेकर कहा थानों का रेट फिक्स

भोपाल
रेत के अवैध खनन को लेकर मंत्री गोविन्द सिंह और कांग्रेस विधायकों के बीच बयानयुद्ध के बाद खनिज महकमे ने इस पूरे मामले में सख्ती बढ़ा दी है। खनिज विभाग के अफसरों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कहा गया कि किसी भी स्थिति में अवैध खनन व अवैध परिवहन नहीं होना चाहिए। इस पर आपकी जिम्मेदारी तय होगी। इसकी रिपोर्ट जिला अधिकारियों को लगातार भेजने के लिए भी कहा गया है। उधर रेत के अवैध खनन व परिवहन को लेकर भाजपा ने भी राज्य सरकार पर हमला बोला है। पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने रेत के लिए थानों के रेट फिक्स होने, रेत माफिया के बेखौफ होने और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने रेत में जीत हार की प्रतिस्पर्धा शुरू होने की बात कही है।

रेत नीति 2019 का नोटिफिकेशन करने की कार्यवाही खनिज साधन विभाग ने शुरू कर दी है। इसको लेकर सरकार द्वारा तैयार ड्राफ्ट प्रकाशन के लिए भेजा गया है। रेत नीति के ड्राफ्ट को प्रकाशन के लिए भेजने के ठीक पहले माइनिंग कारपोरेशन की ओर से खनिज साधन विभाग को सुझाव दिया गया कि ठेका प्रोसेस में शामिल होने वाले ठेकेदारों को सिक्योरिटी राशि डिपाजिट करने के मामले में सिर्फ उसी को शामिल किया जाए जो नियमों के तहत एक नम्बर पर हो। दूसरे क्रम पर रहने वाले ठेकेदार का सिक्योरिटी डिपाजिट न रोका जाए। इससे यह फायदा होगा कि दूसरी खदानों के लिए ठेकेदार प्रतिस्पर्धा में शामिल हो सकेंगे। बताया जाता है कि इस प्रस्ताव के चलते उस दिन ड्राफ्ट प्रकाशन के लिए भेजने से रोक दिया गया। बाद में इसे नामंजूर करते हुए ड्राफ्ट को प्रकाशन के लिए भेजा गया।

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रेत खनन को लेकर किए गए ट्वीट में कहा है कि कमलनाथ सरकार में थानों का रेट फिक्स हो गया है। सरकार लाचार है और प्रशासन लचर। रेत माफिया बेखौफ कारनामों को अंजाम दे रहे हैं। हर तरफ लूट, भ्रष्टाचार और अराजकता है। हम चुप नहीं बैठेंगे। प्रदेश के हक की लड़ाई लड़ेंगे। एक अन्य ट्वीट में पूर्व सीएम चौहान ने लिखा है कि आज हमारा अन्नदाता खुद को अकेला महसूस कर रहा है। कमलनाथ सरकार पर किसान को भरोसा नहीं है। न कर्जमाफी की आस, न मुआवजा मिलने का भरोसा। हमें उनके हक के लिए अंतिम सांस तक लड़ना है और उनका हक दिलवाना है।

नेता प्रतिपक्ष ने अपने ट्वीट में कमलनाथ सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि रेत खनन को लेकर कांग्रेस की राज्य सरकार के मंत्रियों और नेताओं के ही बीच पोल-खोल स्पर्धा शुरू हो गई है। जो जीता रेत उसी की नीति पर काम हो रहा है।

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