शिवराज की चेतावनी से डरी सरकार, बंद नही करेगी भावांतर भुगतान योजना

भोपाल
शिवराज सरकार में किसानों को लाभ देने के लिए शुरु की गई भावांतर भुगतान योजना पर मंडरा रहे संकट के बादल अब छंट गए है।मुख्यमंत्री कमलनाथ ने साफ कर दिया है कि वे इस योजना को बंद नही करेंगें, लेकिन इसमें जो भी कमियां हैं, उन्हें दूर कर नए स्वरूप में जरुर लागू किया जाएगा। खबर है कि कमलनाथ  इसका नाम भी बदल सकते है। 

दरअसल, जब शिवराज सरकार द्वारा यह योजना शुरु की गई थी, तब विपक्ष में रही कांग्रेस ने इसको लेकर खूब हो हल्ला मचाया था। सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किए थे और आरोप लगाया था कि इस योजना से किसानों को फायदा न होकर सीधे बिचौलियों औऱ नेताओं को फायदा हो रहा है। अब जब सूबे में कांग्रेस सरकार आ गई तो भावांतर योजना की नए सिरे से समीक्षा कर रही है। मंगलवार को ‘जय किसान फसल ऋण माफी योजना’ के शुभारंभ पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसे बंद करने की अटकलों पर विराम लगाते हुए साफ कह दिया कि  भावांतर भुगतान योजना बंद नहीं की जाएगी। इसमें जो भी कमियां हैं, उन्हें दूर कर नए स्वरूप में लागू किया जाएगा।

खबर है कि किसानों को फ्लेट रेट पर प्रति क्विंटल राशि दी जाएगी। इसमें लहसुन पर 800 रुपए, प्याज पर 400 रुपए एवं  सोयाबीन व मक्का पर 500-500 रुपए प्रति क्विंटल फ्लेट भावांतर की राशि दी जाएगी। इसका आकलन  प्रति हेक्टेयर में होने वाली औसत प्रति क्विंटल फसल उत्पादन के आधार पर होगा। सरकार इस स्कीम का नाम भी बदल सकता है। किसान समृद्धि योजना अथवा फ्लेट भावांतर योजना नाम रखा जा सकता है। आगामी दिनों में इस योजना में अन्य फसलें भी शामिल होने की संभावना जताई जा रही है।
 
बता दे कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान पहले ही सरकार को चेतावनी दे चुके हैं कि अगर सरकार उनके समय शुरू की गई योजनाओं को बंद की तो इसका अंजाम सरकार को भुगतना पड़ेगा।भाजपा सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेगी। शायद इसी का परिणाम है कि यह योजना बंद ना करके अलग स्वरुप में शुरु की जा रही है। चुंकी सत्ता में आते ही कांग्रेस ने संकेत दिए थे कि शिवराज सरकार की कई योजनाओं को बंद किया जाएगा। लेकिन बीते दिनों वंदेमातरम् औऱ मीसाबंदियों की पेंशन पर रोक लगाने के बाद उपजे विवाद को लेकर अब सरकार कोई रिस्क नही लेना चाहती।इसलिए योजनाओं का रुप बदलकर उन्हें फिर से जारी रखने का काम कर रही है। इसी तरह सरकार ने मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना को भी जारी रखने का फैसला लिया गया है। 

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