शिक्षा विभाग की लापरवाही की वजह से आधार में बीजापुर की 779 बच्चियों का भविष्य

बीजापुर
छत्तीसगढ़ सरकार के एक आदेश और शिक्षा विभाग की लापरवाही की वजह से बीजापुर की 779 बच्चियों के भविष्य के सामने संकट खड़ हो गया है. सरकार ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के नाम पर जिला मुख्यालय में 25 सालों से संचालित कन्या हायर सेकंडरी स्कूल का अस्तित्व ही खत्म कर दिया है. 25 साल पहले 1995 में कांग्रेसी नेता राजेन्द्र पाम्भोई ने जनभागीदारी के माध्यम से इस स्कूल की नींव रखवाई थी. 25 साल बाद कांग्रेस की सरकार में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही की वजह से इस स्कूल का अस्तित्व पूरी तरह खत्म हो चुका है.

दरअसल 17 फरवरी को छत्तीसगढ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डाॅ. आलोक शुक्ला ने प्रदेश के हर जिले में सीबीएसई इंग्लिश मिडियम स्कूल खोलने के लिए एक आदेश जारी किया, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया हुआ है कि शहर में संचालित ऐसे स्कूल का चयन किया जाये, जिसमें छात्रों की संख्या बेहद कम हो, मगर बीजापुर में शिक्षा विभाग ने सीबीएसई इंग्लिश मिडियम स्कूल के संचालन के लिए कन्या हायर सेकंडरी स्कूल का चयन किया, जिसमें पहले से 779 छात्रायें अध्ययनरत हैं.

शिक्षा विभाग ने कन्या हायर सेकंडरी स्कूल के डाईस कोड को सीबीएसई इंग्लिश मिडीयम स्कूल के नाम पर पंजीकृत कर दिया है, जिससे दस्तावेजों में अब कन्या हायर सेकंडरी स्कूल का अस्तित्व पूरी तरह से खत्म हो चुका है. अब यहां अध्ययनरत छात्राओं के साथ ही उनके अभिभवकों के माथे पर चिंता की लकीरें आ गयीं हैं. बेहद चिंतित, परेशान छात्रायें हर रोज स्कूल पहुंच कर शिक्षकों से पूछती हैं कि अब वे आगे कि पढ़ाई किस स्कूल में करेंगी.

दरअसल जिला मुख्यालय में कन्या हायर सेकंडरी के अलावा बाॅयज हायर सेकंडरी स्कूल संचालित है, मगर इस स्कूल में संसाधनों के अभाव के साथ ही दर्ज छात्रों के मुकाबले क्लासरूम बेहद कम हैं. इस कारण कन्या हायर सेकंडरी स्कूल में अध्ययनरत छात्राओं का दाखिला बाॅयज हायर सेकंडरी स्कूल में भी होने में संशय है. छात्रा रुखसार खान कहती हैं कि अब कन्या हायर सेकंडरी स्कूल में अध्ययनरत छात्राओं को आगे की पढाई करनी हो तो उन्हें बीजापुर से बाहर अपने घर से दूर रहकर पढ़ाई करनी होगी. प्राचार्य राजरानी पाम्भोई का कहना है कि स्थिति के बारे में अधिकारियों को जानकारी दी गई है.

इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी दुब्बा समैया का कहना है कि शासन के मंशानुरूप ही ये फैसला लिया गया है. हालांकि वे ये नहीं बता पाए कि अब छात्राएं आगे किस स्कूल में पढ़ेंगी. मामले में पूर्व मंत्री व बीजेपी नेता महेश गागड़ा ने भी सरकार और शि़क्षा विभाग को कटघरे में खडे करते हुए कहा है कि कांग्रेस की सरकार ने न केवल 779 बच्चियों के भविश्य के साथ खिलवाड किया है बल्कि हजारों परिवारों के साथ अन्याय किया है.

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