शातिर गिरोह ने क्रिप्टो करंसी का झांसा देकर निवेशको से ठगे करोड़ों, दो गिरफ्तार

भोपाल
मध्य प्रदेश के भोपाल में एसटीएफ ने क्रिप्टो करेंसी व्यापार की आड़ में करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने इस गिरोह के मास्टरमाइंड बृजेश रायकवार और उसकी पत्नी को गिरफ्तार किया है. एसटीएफ को शुरुआती जांच में अब तक 10 करोड़ से भी ज्यादा की ठगी का पता चला है. एसटीएफ को आशंका है कि जांच में यह आंकड़ा 50 से 100 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है. फिलहाल एसटीएफ की टीम दोनों आरोपियों को पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है.

दरअसल जबलपुर का रहने वाला बृजेश रायकवार हांगकांग के शेयर बाजार जीयूसी में लोगों को निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करने का काम करता था, लेकिन कुछ दिनों बाद इस शेयर बाजार में काफी उतार आ गया और निवेश करने वाले लोग बृजेश रायकवार को रुपयों के लिए परेशान करने लग. साथ ही नवंबर 2018 में जीयूसी को इंडिया में प्रतिबंधित भी कर दिया गया था, जिसके बाद बृजेश रायकवार ने अपने साथी रूपेश दुबे के साथ मिलकर एक फर्जी शेयर मार्केट पीजीयूसी तैयार की और इसमें लोगों से निवेश कराने लगा. इतना ही नहीं जाल-साज निवेशकों को इस वेबसाइट के जरिए यह भी दिखाते थे कि उनके शेयर काफी ऊंचाई पर है और जिसके चलते निवेशक इसमें और ज्यादा पैसा लगाने लगे. साथ ही इस मार्केट में आरोपियों ने यह शर्त भी रखी कि निवेशक 1 साल से पहले अपना पैसा नहीं निकाल सकते हैं.

चौंकाने वाली बात तो यह है कि इस फर्जी शेयर मार्केट में पैसा लगाने के लिए बृजेश रायकवार हांगकांग, दुबई मलेशिया स्थित फाइव स्टार होटल्स में मीटिंग करता था. साथ ही निवेशकों को रिझाने के लिए लग्जरी लाइफ जीता था. इतना ही नहीं इस फर्जी शेयर मार्केट से कमाए हुए रुपयों से बृजेश ने जबलपुर और भोपाल में कई प्रॉपर्टी भी खरीदी और गोवा में कसीनो में इन्वेस्ट किया. वही MP3 मोशंस पिक्चर प्रोडक्शन के लिए भी एक फिल्म ‘महफिल ए उमराव जान’ में भी निवेश किया.

अब तक इस पूरे मामले में एसटीएफ की टीम ने बृजेश रायपुर और उसकी पत्नी को गिरफ्तार किया है, जबकि गिरोह का सदस्य रूपेश दुबे फिलहाल फरार है. बता दें कि इस फर्जी शेयर मार्केट में दो विदेशी नागरिक भी जुड़े हुए हैं, जिनमें हांगकांग का रहने वाला कैबिन और मलेशिया का रहने वाला डेनियल फ्रांसिस भी शामिल है. इसके अलावा एसटीएफ के अधिकारियों का कहना है कि इस गोरखधंधे में करीब 100 लोग शामिल हो सकते हैं जिसकी इन्वेस्टिगेशन के लिए अब एक एसआईटी गठित कर दी गई है. फिलहाल पुलिस अधिकारियों को आशंका है कि आरोपियों ने अब तक करीब 50 से 100 करोड़ की ठगी है.

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