आयकर आयुक्त ने बेरोजगारी भत्ते पर उठाये सवाल, आलसियों की फौज तैयार कर रही सरकार

भोपाल 
मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार लोकसभा चुनाव से पहले बेरोजगार युवाओं को बड़ा तोहफा देने जा रही है| युवा स्वाभिमान योजना’ के तहत सरकार बेरोजगार युवाओं के तहत शहरी युवाओं को 100 दिन का काम दिए जाने के साथ चार हजार रुपए प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता देगी| जल्द ही कैबिनेट बैठक में इस योजना पर मुहर लग सकती है| सरकार इस फैसले को युवाओं के हित में बता रही है| वहीं इसको लेकर सवाल भी उठने लगे हैं|  मुख्य आयकर आयुक्त आरके पालीवाल ने बेरोजगारों को भत्ता देने पर सवाल उठाते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है| उनका मानना है कि सरकार आलसियो की फौज तैयार कर रही है|  वहीं भत्ते का लाभ लेने के लिए यह निश्चित है कि रातों रात बेरोजगार लोगों की एक बड़ी फौज खड़ी हो जाएगी। इससे पहले उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट के जरिए सरकार के इशारे पर काम करने वाली जांच एजेंसियों के अफसरों को आड़े हाथों लिया था| 

बेरोजगार भत्ता बनाम आलस की फौज : आजकल महाचुनाव की पूर्व संध्या पर हर तरफ लोक लुभावन आयोजनों की मायावी बहार आई है जिसमें किसानों, व्यापारियों, सरकारी कर्मचारियों के साथ साथ बेरोजगारों के लिए भी नित नए नए वादों की बौछार हो रही हैं। हम सब जानते हैं कि पिछले सत्तर सालों में किस तरह आरक्षण के लाभ के लिए विभिन्न जातियों में खुद को एक दूसरे से ज्यादा पिछड़ा साबित करने की होड़ मची हुई है।इस परिप्रेक्ष्य में हमारे समाज के एक बड़े भाग के लिए यह भी संभव है कि बेरोजगारी भत्ते के लिए भी अच्छे खासे रोजगार करने वाले लोग भी खुद को बेरोजगार साबित करने की कोशिश करने लगें।

गरीब और बेरोजगार लोगों को रोजगार देने के लिए मनरेगा जैसी सुविचारित योजनाओं का अपना महत्व है लेकिन यह भी एक कड़वा सच है कि इस योजना के लिए भी बहुत से इलाकों में श्रम करने वाले मजदूर नही मिल रहे हैं।इससे साफ जाहिर है कि देश में काम करने वालों के लिए रोजगार की कमी नहीं है लेकिन आलसी और थोड़े पढ़े लिखे लोग खेती बाड़ी और मेहनत मशक्कत के कामों से जी चुराते हैं जिससे देश में वास्तव से कहीं ज्यादा बेरोजगारी दिखाई देती है।  ऐसी स्थिति में भत्ते मिलने की स्थिति में यह निश्चित है कि रातों रात भत्ता पाने के लिए बेरोजगार लोगों की एक बड़ी फौज खड़ी हो जाएगी। गृह कार्य करने वाली सभी महिलाएं बेरोजगारी भत्ता पाने की हकदार होंगी |वह सब लोग जिनकी आमदनी नकद में होती है और जिसका कोई लेखा जोखा सरकार के पास नहीं है वे सब बेरोजगार रजिस्टर में नाम दर्ज कराएंगे| चोरी चकारी,जुआ, नशे और वैश्यावृत्ति और भीख आदि के छोटे बड़े अपराध में लिप्त अपराधी और भिखारी भी बेरोजगार भत्ते पाने की कोशिश करेंगे। अभी अवैतनिक समाजसेवा करने वाले बहुत से लोग बेरोजगारी भत्ता चाहेंगे।

नेताओं और संतों, महंतों ,पादरियों और मौलवियों के साथ आवारगी करती भीड़ और गौ रक्षा और करणी सेना आदि का बैनर लेकर तोड़फोड़ करते लोग बेरोजगारी भत्ता मांगेंगे| गांधी ने आलस को भारतीय समाज का बड़ा दोष बताया था।बेरोजगारी भत्ता एक तरह से आलस को पुरस्कृत करने का नकारात्मक उपक्रम भी साबित हो सकता है।जब तक बेरोजगारी के सही पैमाने तय नहीं हो जाते तब तक हडबड़ी में बेरोजगारी भत्ते की घोषणा बहुत जल्दबाजी में लिया गया एक बेहद प्रतिगामी कदम साबित हो सकता है। गाँधीजी ने हमे बहुत पहले देश के आलसीपन के बारे में चेताया था।आजादी के बाद धार्मिक और राजनीतिक क्षेत्र में यह आलसीपन गुंडई के साथ एक बड़ी फौज के रूप में तेजी से पनपा है। इस मुद्दे पर हम सभी को बहुत सतर्कता के साथ चिंतन करने की जरूरत है।

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