शताब्दी सबसे साफ, तो दुरंतो सबसे गंदी ट्रेनः रेलवे सर्वे

 नई दिल्ली 

देश के 77 प्रीमियम ट्रेनों में पुणे-सिकंदराबाद तथा हावड़ा-रांची सहित तीन शताब्दी ट्रेनें सबसे ज्यादा स्वच्छ, जबकि तीन दुरंतो ट्रेनें सबसे ज्यादा गंदी पाई गई हैं। वहीं, 23 राजधानी ट्रेनों में मुंबई-नई दिल्ली राजधानी सबसे ज्यादा स्वच्छ दिखी, जबकि नई दिल्ली-डिब्रूगढ़ सबसे ज्यादा गंदी। रेलवे ने एक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी है।  

पिछले साल किए गए 'ट्रेन क्लीनिलेस सर्वे 2018' में 210 ट्रेनों की पड़ताल की गई, जिन्हें प्रीमियम और नॉन प्रीमियम श्रेणियों में बांटा गया था। सर्वेक्षण में 15,000 यात्रियों ने ट्रेनों को दो मानदंडों पर रेटिंग दी, जिनमें एक शौचालय की सफाई, जबकि दूसरा कोच की पर्याप्त सफाई था। 

इस सर्वेक्षण के नतीजे हालांकि अभी तक सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, जबकि स्वच्छता मानदंडों पर रेलवे स्टेशनों की रैंकिंग सार्वजनिक की जा चुकी है। केंद्र सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि सर्वेक्षण के तौर-तरीके को लेकर कुछ मुद्दे हैं, जिसके कारण सरकार द्वारा इसे पब्लिश्ड नहीं किया गया है और इस पर काम हो रहा है। 

रेलवे की एन्वायरन्मेंट ऐंड हाउसकीपिंग मैनेजमेंट शाखा द्वारा इस तरह का यह पहला सर्वेक्षण है। आकलन के लिए प्रॉसेस ऑडिट, डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन और पैसेंजर फीडबैक का इस्तेमाल किया गया। 

सर्वेक्षण में यात्रियों ने शौचालय की सफाई, हाउसकीपिंग स्टाफ के काम, बेड रोल्स की स्वच्छता, पेस्ट मैनेजमेंट की प्रभावशीलता और डस्टबिन की उपलब्धता के आधार पर शून्य से पांच तक की रैंकिंग दी। 

ट्रेनों में शौचालय की स्वच्छता को एक बेहद कठिन काम स्वीकार करते हुए एक अधिकारी ने कहा कि एक शौचालय दिनभर में औसतन 60 बार इस्तेमाल होता है। 

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