गैंगरेप: 3 महीने में सजा, आखिरी सांस तक जेल

रांची
झारखंड की राजधानी रांची में लॉ यूनिवर्सिटी की 25 वर्षीय एक छात्रा के साथ हुए गैंगरेप मामले में 11 लोगों को दोषी पाया गया है। अदालत ने दोषी करार दिए गये सभी 11 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए सोमवार को कहा कि इन सभी को अंतिम सांस तक जेल में रखा जाए। साथ ही अदालत ने सभी दोषियों को पीड़िता को 50-50 हजार रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया।

यह घटना पिछले साल 26 नवंबर को कांके के संग्रामपुर इलाके में हुई थी। रांची के न्यायाधीश नवनीत कुमार की अदालत ने रेकॉर्ड तीन महीने के समय में इस मामले की सुनवाई पूरी करते हुए 26 फरवरी को सभी ग्यारह अभियुक्तों को सामूहिक दुष्कर्म का दोषी करार दिया था। इस मामले में पकड़े गये 12 आरोपियों में से एक बालिग नहीं था इसलिए उसके मामले की सुनवाई अलग से किशोर बोर्ड में चल रही है।

अपहरण करके रेप करने के मामले में हुई सजा
इस मामले में जिन लोगों को अदालत ने दोषी ठहराया है, उनमें सुनील उरांव, कुलदीप उरांव, संदीप तिर्की, अजय मुंडा, राजन उरांव, नवीन उरांव, बसंत कच्छप, रवि उरांव, रोहित उरांव, सुनील मुडा और रिषि उरांव शामिल हैं। अदालत ने इस मामले को संगीन अपराध मानते हुए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की सामूहिक बलात्कार से जुड़ी धारा 376डी के तहत जहां सभी दोषियों को ताउम्र जेल में रहने की सजा सुनाई। वहीं, धारा 367 के तहत अपहरण कर छात्रा को प्रताड़ित करने के आरोप में 10 वर्ष कैद की सजा सुनाई।

अदालत ने सभी दोषियों को पीड़ित छात्रा को 50-50 हजार रुपये का जुर्माना देने की भी सजा सुनाई। यह घटना उस समय की है, जब पीड़िता अपने मित्र के साथ कांके इलाके में शाम को बैठकर बातचीत कर रही थी। दोषियों ने शाम लगभग 5:30 बजे उसका अपहरण कर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था।

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