व्यापमं घोटाले का खुलासा करने वाली गुमनाम चिट्ठी लापता, शिवराज सिंह ने किया था दावा

भोपाल
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिस गुमनाम चिट्ठी का हवाला देकर व्यापमं घोटाले का खुलासा करने का दावा किया था, वो चिट्ठी गायब हो गई है. दरअसल, विधानसभा में बीते सोमवार को विधायक प्रताप ग्रेवाल और हर्ष विजय गहलोत ने पीएमटी 2013 के घोटाले का हवाला देकर पूछा है कि क्या इंदौर गुप्तचर शाखा को कोई गुमनाम चिट्ठी मिली थी. वहीं इस सवाल के लिखित जवाब में गृहमंत्री बाला बच्चन ने कहा कि पुलिस और शासन के पास ऐसी कोई चिट्ठी नहीं आई है. उन्होंने कहा कि इस चिट्ठी की खोज में मध्य प्रदेश पुलिस, स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ), इंदौर पुलिस, इंटेलिजेंस लगी हुई है, जिसकी खोजबीन सभी जगहों पर कराई भी जा चुकी है.

बता दें कि इस चिट्ठी को शिवराज सरकार में ही पूर्व गृहमंत्री बाबूलाल गौर ने भी नकार दिया था. तब 13 मार्च 2015 को कांग्रेस विधायक बाला बच्चन ने सवाल पूछा था, जिस पर बाबूलाल गौर ने लिखित में जवाब दिया था कि इस तरह की कोई चिट्ठी सरकार के पास नहीं है. अब बाला बच्चन ने गृहमंत्री के रूप में इसी चिट्ठी पर अपना जवाब दिया है. गृहमंत्री बाला बच्चन ने कहा कि व्यापमं घोटाले का खुलासा करने वाली ऐसी कोई गुमनाम चिट्ठी नहीं है. इंदौर गुप्तचर शाखा को ऐसी कोई चिट्ठी नहीं मिली है. विधायकों के लिखित जवाब में भी यही कहा गया है.

मालूम हो कि शिवराज सिंह चौहान ने बीते 21 जुलाई 2014 को विधानसभा में कहा था कि इस घोटाले के संबंध में एक गुमनाम चिट्ठी उन्हें मिली थी, जिसके आधार पर उन्होंने मामले का उजागर किया है. वहीं अब कांग्रेस नेताओं का मानना है कि शिवराज ने श्रेय लेने के लिए गुमनाम चिट्ठी की झूठी कहानी गढ़ी थी.

इधर, दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर व्यापमं घोटाले के मुख्य आरोपियों को कानून के दायरे में लाकर सजा दिलाने की मांग की है. साथ ही निर्दोष छात्र-छात्राओं को न्याय दिलाने की अपील की है. हालांकि दिग्विजय ने अपने पत्र में कुछ बिंदु भी सुझाएं हैं. दिग्विजय ने कहा कि इस मामले को वे सुप्रीम कोर्ट लेकर गए थे. जांच के लिए बनी एसआइटी के सामने भी उन्होंने महत्त्वपूर्ण तथ्य सामने रखे थे.

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