वोडाफोन आइडिया की खराब हालत से कुमार मंगलम बिड़ला को 2 लाख करोड़ का झटका

नई दिल्ली
वोडाफोन ग्रुप की खराब आर्थिक स्थिति का इसके दूसरे सबसे बड़े निवेशक कुमार मंगलम बिड़ला की वित्तीय सेहत पर बहुत बुरा असर पड़ा है। बिड़ला ने पिछले वर्ष ब्रिटिश टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन के साथ हाथ मिलाया था और आंकड़े बताते हैं कि 2017 के आखिर से अब तक उनकी संपत्ति एक तिहाई घट गई है। दरअसल, बिड़ला को यह झटका वोडाफोन के बढ़ते नुकसान और कर्ज की रकम में इजाफे से इसके शेयरों के भाव गिर रहे हैं। ब्लूमबर्ग के मुताबिक, केमिकल्स, मेटल्स और सीमेंट सेक्टर की बिड़ला की प्रमुख कंपनियां भी मांग में सुस्ती के दौर से गुजर रही हैं।

ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के मुताबिक, दो साल पहले बिड़ला की संपत्ति 9.1 अबर डॉलर गई थी जो अब घटकर 6 अरब डॉलर रह गई। यानी, उनकी संपत्ति में 3.1 अरब डॉलर (करीब 217 अरब रुपये) की कमी आई है। इंडेक्स के मुताबिक, उनकी संपत्ति को ज्यादा नुकसान उनकी होल्डिंग कंपनी आदित्य बिड़ला ग्रुप के कारण हुआ है।

अकेले बिड़ला ने दिखाई यह हिम्मत
5 सितंबर, 2016 को मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो की लॉन्चिंग के बाद से लगातार झटके खा रहे देश के टेलिकॉम सेक्टर में निवेश करने की हिम्मत दिखाने वाले एकमात्र उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला ही हैं। उन्होंने अपनी कंपनी आडिया सेल्युलर का वोडाफोन इंडिया के साथ विलय कर दिया और नई कंपनी वोडाफोन आइडिया अस्तित्व में आ गई।

94% लुढ़क गया है वोडाफोन आइडिया का शेयर
इस कंपनी ने पिछले हफ्ते देश के कंपनी जगत के इतिहास का सबसे बड़ा तिमाही नुकसान दर्ज किया था। तब वोडाफोन ग्रुप के सीईओ निक रीड ने यहां तक कह दिया था कि अगर सरकार से राहत नहीं मिली तो कंपनी भारतीय बाजार से निकलने पर विचार कर सकती है। वोडाफोन आइडिया के शेयर 2017 के आखिर से अब तक 94% सस्ता हो चुका है। इस कारण इसका मार्केट वैल्यु घटकर 2.7 अरब डॉलर (करीब 190 अरब रुपये) रह गया है।

आदित्य बिड़ला ग्रुप ने दुनिया की सबसे बड़ी ऐल्युमिनियम रॉलिंग कंपनी हिंडाल्को इंडस्ट्रीज में हिस्सेदारी ली है। उनके पास ग्रासिम इंडस्ट्रीज की हिस्सेदारी पहले से ही है। देश की सबसे बड़ी सीमेंट निर्माता कंपनी ग्रासीम के नियंत्रण में ही है।

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