विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचकर अमित पंघाल ने रचा इतिहास

 एकातेरिनबर्ग 
एशियाई चैम्पियन अमित पंघाल (52 किग्रा) शुक्रवार को अंतिम चार के मुकाबले में कजाखस्तान के साकेन बिबोसिनोव को हराकर विश्व पुरूष मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज बन गए। टूर्नामेंट में दूसरी वरीयता प्राप्त खिलाड़ी अमित पंघाल ने इस चुनौतीपूर्ण मुकाबले में 3-2 से जीत हासिल की। अब फाइनल में उनका सामना शनिवार को उज्बेकिस्तान के शाखोबिदिन जोइरोव से होगा जिन्होंने फ्रांस के बिलाल बेनामा को दूसरे सेमीफाइनल में शिकस्त दी। भारतीय मुक्केबाजी में अमित पंघाल के ऊपर चढ़ने का ग्राफ शानदार रहा है। जिसकी शुरूआत 2017 एशियाई चैम्पियनशिप में 49 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक से हुई थी।
 
वह 2017 में ही विश्व चैम्पियनशिप में पदार्पण करते हुए क्वार्टरफाइनल तक पहुंचे थे। उन्होंने बुल्गारिया में प्रतिष्ठित स्ट्रांदजा मेमोरियल में लगातार स्वर्ण पदक हासिल किए और फिर वह 2018 में एशियाई चैम्पियन बने। इस साल उन्होंने एशियाई चैम्पियनशिप का स्वर्ण अपने नाम कर किया और फिर 49 किग्रा के ओलंपिक कार्यक्रम से हटने के बाद 52 किग्रा में खेलने का फैसला किया। भारत ने कभी भी विश्व चैम्पियनशिप के एक चरण में एक से ज्यादा कांस्य पदक हासिल नहीं किए हैं लेकिन अमित पंघाल और मनीष कौशिक (63 किग्रा) ने सेमीफाइनल में पहुंचकर इतिहास बदल दिया है। इससे पहले विजेंदर सिंह (2009), विकास कृष्ण (2011), शिव थापा (2015) और गौरव बिधुड़ी (2017) ने विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक हासिल किए थे।

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