विपक्षी रैली से बीजेपी को आया बुखार: शिवसेना

मुंबई 
पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए शिवसेना ने कहा कि 22 पार्टियों के एक साथ एक मंच पर आने से उन्हें (बीजेपी) को बुखार आ गया है। सेना ने कहा कि बीजेपी को इस भ्रम में नहीं रहना चाहिए कि वे 'अजर अमर' हैं। शिवसेना के मुखपत्र सामना में कोलकाता में हुई विपक्षी पार्टियों की रैली को लेकर यह लेख छपा है। शिवसेना ने कहा है, 'विपक्षी मंच पर मौजूद ज्यादातर पार्टियां यहां तक कि ममता बनर्जी भी एक समय अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में बीजेपी का हिस्सा थीं। मोदी सरकार देश की दुश्मन नहीं है, लेकिन उन्हें इस भ्रम में नहीं रहना चाहिए कि वे अमर हैं।' 

विपक्षी दलों के मंच से दूरी बनाते हुए सेना ने केंद्र और में अपनी सरकार की आलोचना को अपना अधिकार बताया। ममता बनर्जी ने सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को भी अपनी रैली के लिए आमंत्रित किया था। समाना के सम्पादकीय में कहा गया है, 'जो भी लोग ममता बनर्जी के मंच पर मौजूद थे, वे सभी धर्मनिरपेक्ष थे। हमारी विचारधारा हिंदुत्व है और हम लोग राम मंदिर और समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर अपने स्टैंड पर कायम हैं। कोलकाता की रैली में शिवसेना का राजनीतिक स्टैंड मिक्स नहीं हो पाता।' 

इसमें कहा गया है कि पीएम ने टैंक पर यात्रा के दौरान स्पीच दी थी। सम्पादकीय में कहा गया है, '22 पार्टियों के एक मंच पर आने से उन्हें बुखार क्यों आ गया है।' लेख में कहा गया है कि जिस तरह बीजेपी को जनता के वोटों के आधार पर सत्ता में बने रहने का अधिकार है, उसी तरह विपक्ष को भी सरकार को उजागर करने और हराने का अधिकार है। 

राम विलास पासवान, नीतीश कुमार और रामदस आठवले अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और समान नागरिक संहिता के खिलाफ हैं। लेकिन ये सभी बीजेपी के साथ हैं और सत्ता का सुख भोग रहे हैं। वर्तमान विपक्ष के कई चेहरे, ममता बनर्जी, चंद्र बाबू नायडू, शरद यादव, अरुण शौरी, यशवंत सिन्हा आदि बीजेपी सरकार का ही हिस्सा थे। उस समय इनमें से कोई भी ऐंटी नैशनल नहीं था, लेकिन अब उन्हें ऐसा ही कहा जाता है। पीएम को भी अपनी सरकार पर उठ रहे सवालों का सामना करना चाहिए। 

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