विधायक रामबाई बोलीं- मेरे पति दोषी हुए तो मैं इस्तीफा दे दूंगी

भोपाल
बसपा विधायक रामबाई अपने पति गोविंद सिंह को लेकर विवादों में हैं। गोविंद सिंह पर हत्या का आरोप है। विधायक पत्नी रामबाई  इससे साफ इनकार कर रही हैं। शनिवार को उन्होंने विधानसभा में कहा कि कौन कहा रहा है कि वो आरोपी हैं। मेरा भी उसमें नाम है। मृतक चौरसिया के परिजनों ने कई लोगों का नाम लिया है। पुलिस ने एकतरफा जांच की। जब मैंने फिर से आवेदन दिए तो मेरे पति निर्दोष पाए गए। कुछ दिन बाद देवर भी निर्दोष साबित होंगे।

रामबाई बोलीं कि देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड मामले में पुलिस प्रशासन ने पूरी जांच गड़बड़ की है। अगर पीड़ित परिवार को लगता है तो सीबीआई जांच करवा ले या फिर नार्कों टेस्ट करवा ले। क्यों नहीं ऐसा लोग करवा रहे हैं। रामबाई ने कहा कि मैं सच्चाई पर लड़ती हूं। मुझे ऐसी राजनीति नहीं करनी है कि मेरे पति और देवर हत्या करते फिरे। अगर वे लोग दोषी सिद्ध हो जाएंगे तो मैं खुद उन्हें चौराहे पर फांसी दे दूंगी।

मेरे पति जेल में थे बंद
बसपा विधायक बोलीं कि मेरे पति जेल में बंद थे और बाहर गोली चली रही थी। उस घटना में मेरे पति का नाम लिया जा रहा है। मेरे पति पर सत्र केस लगे थे। जैसे आज झूठे केस लगे हैं, उसी तरह बीजेपी के शासन में झूठे केस लगे थे। रामबाई ने कहा कि मैं आपको प्रमाण दूंगा कि मेरे पति जेल में बंद हैं। फिर वो बाहर गोली कैसे चला सकते हैं। अगर वो गोली चला सकते हैं तो फिर जेलर और पुलिसकर्मी को भी सस्पेंड करो। तब तो उसमें सबकी मिली भगत होगी।

पति का नाम नहीं है उसमें
रामबाई ने कहा कि पति जब मेरे साथ विधानसभा दिखे तो लोगों ने सवाल उठाए। लेकिन उस केस से उनका नाम हट गया है। मीडियाकर्मियों को सलाह देते हुए कहा कि जब आपलोग सब कुछ पता लगा लेते हैं तो फिर इस मामले की जानकारी भी ले लेते। लेकिन सवाल है कि जब गोविंद सिंह जेल में बंद थे तो पुलिस ने उन्हें फरार घोषित क्यों किया।

इस्तीफा दे दूंगा
विधायक रामबाई ने यह भी कहा कि अगर मैं जो बात कह रही हूं, वो गलत साबित हुआ तो मैं इस्तीफा दे दूंगी। अगर मेरे पति इस मामले में दोषी हुए तो मैं आपको लोगों के सामने ही आकर इस्तीफा दे दूंगी। रामबाई बोलीं कि चौरसिया परिवार से पैसे लेकर पुलिस प्रशासन ने अन्याय की। अब न्याय हो रहे हैं।

कमलनाथजी के साथ रहूंगी
वहीं, सरकार से समर्थन वापस लेने की बात पर रामबाई बोलीं कि कमलनाथ जी के साथ थी, हूं और रहूंगी। चाहे वो अन्याय करें या फिर अत्याचार करें। दरअसल, मध्यप्रदेश में कांग्रेस के पास बहुमत नहीं है। बसपा के तीन विधायक कांग्रेस सरकार के समर्थन में हैं।

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