अजब कारनामा : शासकीय वाहन ही नहीं फिर भी सरकारी कोटे से टायर खरीदी, पांच साल बाद FIR दर्ज!

जबलपुर
पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग जबलपुर में सहायक संचालक के पद पर पदस्थ रही जेएस विल्सन का अजब कारनामा सामने आया है। जहां वे पदस्थ थी उस कार्यालय के पास कोई शासकीय वाहन ही नहीं था और विल्सन ने सरकारी मद से टायर खरीदी के लिए 26 हजार 336 रुपए का भुगतान पोद्दार टायर कंपनी को करवा दिया। इस मामले में अब पांच साल बाद एफआईआर दर्ज कराने की कार्यवाही की जा रही है।

पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री आरिफ अकील ने विधायक विनय सक्सेना के सवाल के लिखित जवाब में आज यह जानकारी दी है। मंत्री ने बताया कि मामला वर्ष 2013-14 का है। पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत अंजुमन इस्लामिया उच्चतर माध्यमिक स्कूल जबलपुर को प्रदाय की गई राशि में से नहीं बट पाई 26 हजार 336 रुपए का चेक सहायक संचालक कार्यालय को दिया गया था।तत्कालीन सहायक संचालक जेएस विल्सन ने यह राशि शासकीय खजाने में जमा नहीं की और ना ही कैशबुक में इसकी प्रविष्टि की। यह राशि स्वयं के निजी प्रयोग के लिए ली गई या इसका गबन हुआ है इसकी जांच कर कार्यवाही करने के लिए पुलिस अधीक्षक जबलपुर को इसी वर्ष 28 जून को पत्र लिखा गया है।

प्रकरण की जांच कर तत्कालीन सहायक संचालक के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने के लिए पुलिस अधीक्षक जबलपुर को कलेक्टर ने पिछले माह 28 जून को पत्र लिखा है। इस पूरे मामले में कार्यवाही प्रचलन में है। कलेक्टर ने एफआईआर के लिए जो पत्र एसपी को लिखा है उसमें बताया गया है कि अंजुमन इस्लामिया स्कूल गोहलपुर जबलपुर की प्राचार्य ने छात्रवृत्ति की राशि से बचे 28 हजार 336 रुपए का चैक सहायक संचालक को सौपा था लेकिन यह चैक पुन: प्राचार्य को जारी किया गया। इसे कैश बुक में दर्ज नही करते हुए सीधे अन्य मद में खर्च किया गया।

अंजुमन इस्लामिया स्कूल के स्टेटमेंट से पता चलता है कि यह राशि पोद्दार टायर कंपनी को दी गई। इस कार्यालय में शासकीय वाहन ही नहीं है तो विल्सन ने टायर किस आधार पर खरीदे। कलेक्टर ने इस मामले में जांच करने और एफआईआर दर्ज कराने को कहा है।

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