विधानसभा उपचुनाव के बीच चंबल एक्सप्रेस प्रोग्रेस वे की शुरूआत
ग्वालियर/भोपाल। प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव के बीच चंबल एक्सप्रेस प्रोग्रेस वे की शुरूआत के फैसले पर सियासी सवाल उठने लगे हैं। भाजपा ने जहां इसे विकास का प्रतीक बताकर औद्योगिक एवं पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने वाला कहा है, वहीं कांग्रेस ने इसे उपचुनाव के फायदे के लिए उठाया गया कदम बताया है। माना जा रहा है कि इस एक्सप्रेस वे के फैसले से समर्थकों के साथ बीजेपी में गए ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर उठाये जा रहे कांग्रेस के सवाल थमेंगे। विकास के लिए प्रयास पर सिंधिया को अंचल में एक नया कद मिलेगा तो उपचुनाव में भाजपा को जीत में भी मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस एक्सप्रेस वे को दोबारा शुरू करने का फैसला कल मंत्रालय में हुई मीटिंग में लिया था। इसके बाद उन्होंने ट्वीट कर कहा कि उनके पिछले कार्यकाल में जो ‘चंबल एक्सप्रेस वे’ बनाने का फैसला लिया था और जिसे कांग्रेस सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया था, उसे एक नए प्रारूप में ‘चंबल प्रोग्रेस वे’ के नाम से तुरंत बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि ये चंबल के विकास का महा पथ बनेगा, महा पथ के दोनो तरफ चुनिंदा जगहों पर औद्योगिक इकाइयाँ और व्यापारिक व्यवस्थाएँ बनाई जाएंगी।
इन सीटों पर उम्मीद
चंबल एक्सप्रेस प्रोग्रेस वे के निर्माण की प्रक्रिया शुरू होने के बादजौरा, मुरैना, दिमनी, अम्बाह, सुमावली, गोहद, ग्वालियर, डबरा सीट के उपचुनाव में फायदा मिल सकता है। इसके साथ ही मेहगांव, ग्वालियर पूर्व, भांडेर, करैरा, पोहरी, अशोक नगर, गुना, बमोरी सीटों पर होने वाले उपचुनाव में बीजेपी इस एक्सप्रेस वे को बनाने का फायदा उठाएगी।