विद्युत लाइन के लिए कृषि भूमि का इस्तेमाल कर रहा है बिजली विभाग, किसान नाराज

मंडला
मध्यप्रदेश के मंडला जिले में रेलवे लाइन के विद्युतीकरण के लिए पावर ग्रिड कंपनी द्वारा विद्युत लाइन डालने का काम किया जा रहा है. यह लाइन किसानों के खेतों से होकर रेलवे स्टेशन तक जा रही है. किसान का पावर ग्रिड पर आरोप है कि वह बिना किसी वैधानिक प्रक्रिया के उनकी जमीन का उपयोग कर रहा है. पावर ग्रिड उनके खेतों पर टॉवर के लिए फाउंडेशन बना रहा है, जिनपर बिजली की लाइन डाली जाएगी. इसका विरोध करने पर राजस्व अमले व पुलिस द्वारा किसानों को धमकाया जा रहा है.

मंडला, महाराजपुर रेलवे स्टेशन में अमान परिवर्तन के बाद जल्द ही ब्रॉड गेज ट्रेन यहां से दौड़ने वाली है. 100 साल से ज्यादा समय तक इस स्टेशन पर छोटी लाइन की ट्रेन आती रही है. छोटी लाइन बंद कर उसे बड़ी लाइन में परिवर्तित करने के लिए इस स्टेशन को 3 से 4 साल के पहले बंद कर दिया गया था. मीटर गेज पर अब ट्रेन बिजली से चलेगी, लिहाजा रेलवे स्टेशन से करीब 8 किलोमीटर दूर पावर सब स्टेशन से यहां बिजली की लाइन डाली जा रही है.

बिजली लाइन डालने के लिए 31 विद्युत टावर भी लगाए जा रहे हैं. आमानाला पावर स्टेशन से रेलवे स्टेनश तक बिछाई जा रही लाइन खेतों से होकर गुजर रह है, जिससे किसानों में खासी नाराजगी है. किसानों का कहना है कि उनकी जमीन पर टावर लगाने के लिए उनके साथ जोर-जबरदस्ती की जा रही है. इस मामले में किसानों को कोई जानकारी भी नहीं दी जा रही है. भूस्वामी को टावर लगाने के लिए जमीन देने के लिए मजबूर किया जा रहा है.

इस मामले में मंडला तहसीलदार अनिल जैन का कहना है कि रेलवे विद्युतीकरण के लिए 31 टावर लगाए जाएंगे. यह कार्य भारतीय तार अधिनियम 1885 के तहत किया जा रहा है. यह अनिवार्य कार्य है, जिसमें फसल को हुए नुकासन की भरपाई की जाती है. उन्होंने बताया कि यह कार्य कलेक्टर के आदेश से किया जाता है. उन्होंने किसानों से जबरदस्ती जमीन लेने और धमकाने के मामले से इंकार करते हुए कहा कि इस कार्य में ग्रामीणों से सहयोग की उम्मीद की जाती है.

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