वालेन्टिरी सर्विस फाॅर कोविड-19 रिस्पांस वेबसाइट लोकार्पण मुख्यमंत्री ने किया

रायपुर
 छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस (कोविड-19) की रोकथाम एवं नियंत्रण में सामाजिक संस्थाओं की भागीदारी बढ़ाने, लोगों को जागरूक करने तथा आवश्यक सूचनाओं के आदान-प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वालेन्टिरी सर्विस फॉर कोविड-19 रिस्पांस वेबसाईट https://coronahelp.cgstate.gov.in  ‘‘कोरोना (कोविड-19) सहायता पटल‘‘ का लोकार्पण किया गया.

इस वेबसाइट के माध्यम से छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण की अद्यतन रिपोर्ट, राज्य में क्वारंटाइन सेन्टरों की सूची, सहयोगी सामाजिक संस्थाओं की सूची, केन्द्र व राज्य सरकार के आवश्यक निर्देश, क्वारंटाईन सेन्टर निर्देर्शिका, सेन्टर संचालन एवं प्रबंधन के लिए आवश्यक मार्गदर्शिका, गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों के लिए मार्गदर्शिका, क्वारंटाईन सेन्टर में रहने वाले व्यक्तियों का मनोबल बढ़ाने के तरीके आदि जानकारी प्राप्त हो सकेगी.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि यह वेबसाईट छत्तीसगढ़ में किया गया अभिनव प्रयोग है. इसके माध्यम से कोरोना संक्रमण के बचाव और रोकथाम, लोगों को राहत पहुंचाने, क्वारेंटाईन सेन्टरों की व्यवस्थाओं को सुचारू बनाने और इन सेन्टरों के प्रबंधन में सहायता मिलेगी. यह वेबसाईट देश के अन्य राज्यों के लिए भी अनुकरणीय होगी. उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों, जनप्रतिनिधियों,  अधिकारियों-कर्मचारियों के सक्रिय सहयोग से छत्तीसगढ़ में कोरोना संकट की चुनौती का सामना करने में काफी हद तक सफलता मिली है. आगे भी हम इस चुनौती का सामना करने में सफल होंगे.

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सपोर्ट ऑर्गेनाईजेशन कांकेर के बंसत यादव, बिलासपुर के भूपेश वैष्णव,  यूनिसेफ के जॉब जकारिया, रायपुर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ विष्णु दत्त,  आयुर्वेद महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जी.एस. बघेल से चर्चा की. बसंत यादव ने क्वारेंटाईन सेंटर में उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं, मनरेगा श्रमिकों में फिजिकल डिस्टेंसिंग के पालन और सेनेटाईजेशन में उनकी संस्था द्वारा दिए जा रहे सहयोग की जानकारी दी. आयुर्वेद महाविद्यालय के प्राचार्य ने बताया कि उनके 132 छात्र-छात्राओं द्वारा क्वारेंटाइन सेंटरों में काढ़ा वितरण का कार्य किया जा रहा है. मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. विष्णु दत्त ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि 65 मेडिकल छात्र क्वारेंटाइन सेंटरों में वहां रूके लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल के कार्य में मदद कर रहे हैं.

साथ ही इस वेबसाईट के माध्यम से कोई भी इच्छुक व्यक्ति स्वैच्छिक सेवा देने के लिए अपना पंजीकरण करा सकते है तथा सामग्री और वित्त के रूप में दान भी दे सकते है, जिसका पंजीयन वेबसाइट पर होगा. छत्तीसगढ़ राज्य में 20 हजार से अधिक क्वारंटाइन सेन्टर चल रहे है, जिसमें 3 लाख 50 हजार से अधिक प्रवासी श्रमिक और अन्य व्यक्ति वर्तमान में रूके हुए है तथा आगामी समय में 2 लाख से अधिक श्रमिकों के आने की संभावना है. इसे देखते हुए इस वेबसाइट का प्रवासी व्यक्तियों एवं समुदाय को काफी लाभ होगा.

क्वारंटाइन सेन्टरों में सुविधाओं को सुदृढ़ करने और प्रवासी व्यक्तियों का मनोबल बढ़ाने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य में 28 जिलों के समस्त विकासखण्डों में गैर सरकारी संस्थाओं का सहयोग प्राप्त होगा. इन स्वैच्छिक प्रयासों में 156 से अधिक गैर सरकारी संगठन शामिल होंगे. यह वेबसाइड मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में स्वैच्छिक संस्थाओं और राज्य योजना आयोग के सहयोग से तैयार की गयी है. यह वेबसाइट लोगों के लिए बहुत उपयोगी साबित होगी.

इस अवसर पर राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष अजय सिंह, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, प्रमुख सचिव वन मनोज पिंगुआ, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, विनोद वर्मा, राजेश तिवारी, रूचिर गर्ग,  प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी, पीसीसीएफ एवं प्रबंध संचालक लघु वनोपज संघ संजय शुक्ला,  राज्य योजना आयोग के सदस्य के.सुब्रमण्यम और सदस्य सचिव राजेश राणा भी उपस्थित थे.

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