वार्ड में तब्दील हिंदूराव मेडिकल कॉलेज का हॉस्टल: कोरोना से जूझने की तैयारी

 नई दिल्ली 
हिंदूराव मेडिकल कॉलेज के नए पुरुष हॉस्टल को कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों के वार्ड में तब्दील कर दिया गया है। साथ ही कोरोना वायरस मरीजों की रिपोर्ट देने के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। बुधवार को उत्तरी दिल्ली नगर निगम स्थायी समिति के अध्यक्ष जयप्रकाश ने इस वार्ड का निरीक्षण किया।

हिंदूराव अस्पताल में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए की गई तैयारियों को लेकर किए गए निरीक्षण के बाद जयप्रकाश ने बताया कि उन्होंने अस्पताल के निदेशक प्रशासन डॉ. अरुण कुमार और निगम स्वास्थ्य अधिकारी सहित अन्य अधिकारियों से स्थिति की जानकारी ली। कोरोना वायरस के मरीजों और संदिग्धों के लिए अलग-अलग वार्ड बनाए गए हैं। मरीजों के लिए हिंदूराव अस्पताल के नर्सिंग होम को वार्ड में तब्दील किया गया है, जबकि पुरुष हॉस्टल को संदिग्ध मरीजों के वार्ड के रूप में बदल दिय गया है। मरीजों की रिपोर्ट देने के लिए हिंदूराव में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है और एक कोर टीम गठित की गई है। अस्पताल के डॉक्टर, नर्स सहित अन्य स्टाफ के लिए सभी सुरक्षा उपाय करने के निर्देश भी स्थायी समिति अध्यक्ष ने दिए हैं। केंद्र के सफजरजंग अस्पताल में बने कोरोना वार्ड में 24 मरीजों को रखा गया है। इनमें 14 मरीजों में कोरोना की पुष्टि हो चुकी है जबकि 10 संदिग्ध हैं।

अस्पताल प्रबंधन के अनुसार बुधवार को 12 में से दो संदिग्ध मरीजों की निगेटिव रिपोर्ट मिलने के बाद उन्हें देर शाम को छुट्टी दे दी गई। अन्य सभी 10 संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट आनी बाकी है। इनमें से एक मरीज बुधवार को ही संदिग्ध अवस्था में आपातकालीन वार्ड पहुंचा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 14 मरीजों में से आगरा के छह, गाजियाबाद और जयपुर के एक-एक संक्रमित मरीज शामिल हैं। दिल्ली-एनसीआर के दो अस्पतालों में देश में सबसे अधिक कोरोना के मरीज भर्ती हैं। इनमें सफदरजंग और गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल में 14-14 मरीज भर्ती हैं।

आरएमएल में पांच संदिग्ध : डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के अनुसार बुधवार शाम तक यहां पांच संदिग्ध मरीजों को भर्ती किया है। इनके सैंपल एकत्रित कर एम्स में जांच के लिए भेज दिए हैं।

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