वायुसेना ने पाकिस्तान को याद दिलाया 54 साल पुराना शौर्य, जला दिए थे दुश्मन के टैंक

 
नई दिल्ली 

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद भारत पाकिस्तान के बीच टकराव का स्तर युद्ध के मुहाने तक आ पहुंचा है. पाकिस्तान धमकियों और परमाणु जखीरे का सहारा लेकर भारत पर दबाव बनाने की नाकाम कोशिश कर रहा है. तनाव के इस माहौल में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान को अपना 54 साल पुराना शौर्य याद दिलाया है. हम बात कर रहे हैं कि 1965 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध की. आज से ठीक 54 साल पहले 1 सितंबर 1965 को भारतीय वायुसेना के फाइटर बॉम्बर ने पाकिस्तानी टैंकों को तबाह कर दिया था. एयर फोर्स ने अपने ट्विटर अकाउंट पर इस हमले का रोंगटे खड़ा कर देने वाला वीडियो भी जारी किया है.

दरअसल 1965 में पाकिस्तान ने 'ऑपरेशन जिब्राल्टर' लॉन्च कर भारत पर हमला कर दिया था. पाकिस्तानी सेना ने छंब इलाके में हमला कर दिया था. पाकिस्तान अखनूर ब्रिज पर कब्जा करना चाह रही थी. इस आपात घड़ी में तत्कालीन आर्मी चीफ जनरल चौधरी और एयर मार्शल अर्जन सिंह ने रक्षा मंत्री यशवंतराव चव्हाण से मुलाकात की और पाकिस्तान पर हवाई हमले की इजाजत मांगी. वायुसेना को तुरंत हमले की परमिशन मिल गई. इसके बाद जो हुआ वो इतिहास बन गया.
 
एयर मार्शल अर्जन सिंह ने एयरफोर्स अधिकारियों को हमले का आदेश दिया. सूर्यास्त से कुछ ही देर पहले भारत के 26 फाइटर एयरक्राफ्ट आसमान में गरजने लगे. इन विमानों ने पठानकोट एयरबेस से छंब सेक्टर की ओर उड़ान भरी. भारतीय वायु सेना पाकिस्तान पर हमला कर चुकी थी. इसी के साथ ही भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ एयर एक्शन की शुरूआत कर दी थी. एयरफोर्स ने पाकिस्तान के 10 टैंक ध्वस्त कर दिए, 2 एंटी एयरक्राफ्ट गन नष्ट हो गए. 30-40 गाड़ियां जलकर राख हो गईं.

इस घटना को याद करते हुए वायुसेना के अधिकारी विंग कमांडर जिम गुडमैन कहते हैं, "कुछ ही घंटों में पूरा इलाका जल रहा था, दुश्मन के टैंक और गाड़ियां जल रही थीं, हमारे जवानों का जज्बा देखने ही लायक था, दुश्मन कभी भी ये वाकया नहीं भूलेगा."

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