वाटर हार्वेस्टिंग पर नगर निगम नहीं कर रहा मैदानी स्तर पर अभियान

भोपाल
बारिश के पानी को बचाने के लिए नगर निगम वर्कशाप पर तो जोर दे रहा है लेकिन मैदानी स्तर पर उसने इसके लिए घर घर दस्तक अभियान अभी तक शुरू नहीं किया है जबकि यह जून में ही शुरू हो जाना था। इससे पहले भी निगम के अधिकारियों ने वाटर हार्वेस्टिंग पर जोर देते हुए  जेडओ व भवन अधिकारियों के साथ बैठक कर सभी को 5-5 घरों में वाटर हार्वेस्टिंग का टारगेट दिया था।  

इस समय शहर में जिन जिन जोनल में निर्माण कार्य हो रहे हैं वहां पर जा कर उसकी वाटर हारवेसिटंग की जानकारी ली जानी थी और  बिना अनुमति बनने वाले मकानों का काम रोकना औरउन पर जुर्माना करना है जबकि अनुमति लेने वालों के यहां पर वाटर हारवेस्टिंग की गयी है या नहीं  यह  देखा जाना है।  नगर निगम सीमा में 85 वार्ड हैं। इ यहां पर नगर निगम का वाटर हार्वेस्टिंग कराने का काम धीमी रफ्तार से चल रहा है। यहां पर टारगेट पूरा होता हुआ भी नहीं दिख रहा है।

 बारिश के पानी को जमीन में उतारकर भू-जल बढ़ाने की योजना भी अमल में नहींआ सकी है। अब तक महज दस हजार घरों में ही यह सिस्टम लगाया जा सका है। खास बात यह है कि बिल्डिंग परमीशन जारी करते समय निगम 10 हजार से लेकर 2 0 हजार रूपये तक की राशि वाटर हारवेस्टिंग के लिए जमा करता है। अगर लोग ऐसा नहीं करते हैं तो निगम उस राशि से उस मकान में वाटर हारवेस्टिंग  कराता है। अगर मकान में वाटर हारवेस्टिंग  हो जाती है तो जमा कराया पैसा वापस हो जाता है। लेकिन इस समय निगम के पास यह राशि 10 करोड़ के करीब पहुंच गयी है। इससे यह अन्दाजा लगता है कि लोगों ने रूफ वाटर हारवेस्टिंग  की जगह पर राशि वापस लेना ही ठीक समझा।

निगम के माता मंदिर मुख्यालय और आईएसबीटी को अगर छोड़ दिया जाए तो जोनल आफिसों और फायर बिग्रेड के कार्यालयों में अभी तक वाटर हारवेस्टिंग नहीं करायी जा सकी है। जबकि इनमें इसको कराकर जनता में एक पॉजीटिव संदेश देना था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *