वल्लभ भवन के 2200 कर्मचारी बने सरकार के लिए ‘खतरा’
भोपाल
प्रदेश सरकार जिस सरकारी दफ्तर से चल रही है वहीं मुख्यमंत्री से लेकर कई अफसरों को अपने ही कर्मचारियों से 'खतरा' होने की संभावना है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वल्लभ भवन के करीब 2200 कर्चमारियों के सुरक्षा पास का नवीकरण नहीं किया गया है। न ही उनकी वैधता बढ़ाई गई है। प्रदेश के सबसे सुरक्षित जगहों में से वल्लभ भवन आता है। इस भवन में मुख्यमंत्री समेत कैबिनेट मंत्रियों और आफसरों के दफ्तार बने हैं।
दरअसल, वल्लभ भवन में काम करने वाले कर्मचारियों के पहचान पत्र पांच साल के लिए बनाए जाते हैं। आखिरी बार साल 2013 में कर्मचारियों के कार्ड बनाए गए थे। इन पहचान पत्र की वैधता दिसंबर 2018 में समाप्त हो चुकी है। सरकार भी बदल गई लेकिन कर्मचारी अभी भी वैधता खत्म होने के बाद विभागों में आराम से आ जा रहे हैं। जबकि यह सुरक्षा के लिहाज से बड़ी चूक हो सकती है। ऐसा नहीं है कि कर्मचारियों ने इस मुद्दे को लेकर किसी का ध्यान आकर्षित नहीं किया। बीते सात महीने में की बार कर्मचारियों ने अफसरों को इस बारे में कहा लेकिन इसका नतीजा सिफर ही रहा। कर्चमारी संघ ने इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग को जिम्मेदार ठहराया है। मंत्रालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक ने कहा कि मंत्रालय में प्रवेश के लिए पांच साल तक के लिए कार्ड जारी किए जाते हैं आखिरी बार साल 2013 में कार्ड जारी किए गए थे जो दिसबंर 2018 में समाप्त हो चुके हैं। इसलिए कर्मचारी मंत्रालय में टेक्निकली 'अवैध' तरह से आ जा रहे हैं। यह सामान्य विभाग की बड़ी लापरवाही को उजागर करता है।