वर्ल्ड T20, टेस्ट चैंपियनशिप का है ख्याल, युवा खिलाड़ियों पर होगा फोकस: रवि शास्त्री

दुबई 
दोबारा भारतीय टीम का मुख्य कोच नियुक्त होने के बाद रवि शास्त्री ने बताया है कि टीम इंडिया में उनका नया फोकस क्या होगा। शास्त्री ने अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान ध्यान युवा खिलाड़ियों पर अधिक फोकस करने की बात कही है। भारत अगले साल होने वाले वर्ल्ड T20 और मौजूदा वर्ल्ड चैंपियनशिप के बाद के चरण की तैयारी करेगा।भारत के पूर्व क्रिकेटर शास्त्री के दिमाग में स्पष्ट है कि उन्हें आगामी दिनों में कैसा संयोजन चाहिए। कैरेबियाई दौरे से लौटने के बाद शास्त्री ने कहा, 'रास्ता यह देखते हुए तैयार किया जाना चाहिए कि आपके पास T20 वर्ल्ड कप के लिए 12 महीने और विश्व टेस्ट चैंपियनिशप के लिए लगभग 18 से 20 महीने हैं।' उन्होंने कहा, 'बदलाव के इस दौर के दौरान युवाओं पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है, जिससे कि वे अनुभवी खिलाड़ियों के साथ घुल मिल जाएं और हमें बेहद मजबूत टीम दें।' कोच ने प्रदर्शन में निरंतरता और बेंच स्ट्रेंथ को मजबूत करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, 'हमारा लक्ष्य है कि प्रदर्शन में निरंतरता बनी रहे। टीम बदलाव के दौर से गुजर रही है और युवाओं पर नजर रखनी होगी और साथ ही खेल के तीनों प्रारूपों में बल्लेबाजी और गेंदबाजी में बेंच स्ट्रेंथ तैयार करने पर भी।' 

शास्त्री ने कहा, 'इस दौरान साथ ही हमें इस लक्ष्य से ध्यान नहीं भटकाना होगा कि आप जीत के लिए खेलते हैं। कभी इस लक्ष्य को मत भूलो लेकिन साथ ही युवाओं में निवेश करो।' मुख्य कोच ने साथ ही कहा कि अंक दांव पर लगे होने के कारण विश्व टेस्ट चैंपियनशिप गंभीर टूर्नमेंट है। उन्होंने कहा, 'हम स्वदेश में खेलेंगे (साउथ अफ्रीका के खिलाफ) और यह विश्व टेस्ट चैंपियनशिप है- इसलिए अब और अधिक कारण है कि आपको अच्छा प्रदर्शन करना होगा। हम अब जुड़ेंगे।' शास्त्री ने कहा, 'हम दुनिया की नंबर एक टीम हैं और हम पिछले तीन साल से शीर्ष पर हैं। इसलिए प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। इसलिए हम प्रदर्शन में इस निरंतरता को जारी रखना चाहते हैं और सुनिश्चित करना चाहते हैं कि जब यह तय करने का समय आए कि कौन फाइनल में खेलेगा तो हम अंक तालिका में अच्छी स्थिति में हों।' 

रवि शास्त्री खुश हैं कि उनकी टीम वेस्ट इंडीज में अजेय अभियान जारी रखने में सफल रही और कैरेबियाई देशों में ऐसा करने वाली पहली टीम बनी। उन्होंने कहा, 'वेस्ट इंडीज को वेस्ट इंडीज में तीनों प्रारूपों में हराना विशेषकर सीमित ओवरों के प्रारूप और टेस्ट मैचों में, मुझे लगता है कि यह अभूतपूर्व है। एक टीम कैरेबियाई दौरे पर जाए और कोई मैच नहीं गंवाए, मुझे नहीं लगता कि अतीत में ऐसा नहीं हुआ है और निकट भविष्य में भी यह आसानी से नहीं होगा।' 

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