वरिष्ठ पत्रकार बृजेश राजपूत रामनाथ गोयन्का पत्रकारिता पुरुस्कार से सम्मानित हूए।

नई दिल्ली/भोपाल। अगर संकल्प दृढ और इरादा नेक हो तो मंजिल आसान हो जाती है.. मध्य प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार बृजेश राजपूत ने भी इस बात को एक बार फिर साबित कर दिया है । श्री राजपूत ने मध्य प्रदेश और केंद्र सरकार की खामियां बताकर लाखों की संख्या में गरीब लोगों को मदद पहुंचाई। इसके बाद उनके नेक इरादों में देश का बड़ा पत्रकारिता पुरस्कार भी जीता।

लगभग तीन दशक से प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक पत्रकारिता में सक्रिय मध्य प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार बृजेश राजपूत को देश की राजधानी दिल्ली में रामनाथ गोयंका पत्रकारिता पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। श्री राजपूत को एबीपी न्यूज़ के घंटी बजाओ कार्यक्रम में शानदार रिर्पोटिंग पर पुरस्कार मिला है। श्री राजपूत इससे पहले भी कई पुरस्कार जीत चुके हैं। एबीपी न्यूज़ के मध्य प्रदेश के विशेष संवाददाता और वरिष्ठ पत्रकार बृजेश राजपूत ने घंटी बजाओ कार्यक्रम में बालाघाट जिले के कई गांव का दौरा कर उनकी ग्राउंड रिपोर्ट तैयार की थी। उनकी रिपोर्ट में बताया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना पीएम आवास योजना के तहत गरीबों को मकान देने से जुड़ा है। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार इस सपने को तोड़ रही हैं । उनकी ग्राउंड रिपोर्ट के बाद केंद्रीय से एक दल पड़ताल करने मध्य प्रदेश भी आया था। इस मामले मे धरातल पर जब पड़ताल की थी।  इसके बाद मध्य प्रदेश की सरकार भी जागी। इसके बाद पीएम आवास योजना के तहत गरीबों के मकान छटपट तैयार किए गए। मध्य प्रदेश में लगभग पौने चार लाख मकान उस समय तक तैयार होने का दावा किया जा रहा था लेकिन हकीकत कुछ और थी।  मकानों में बाहर से पेंटिंग करवा कर कहा जा रहा था कि यह मकान तैयार हो चुके हैं लेकिन अंदर से मकान तैयार नहीं थे।  कई मकानों की छत तक नहीं डल पाई थी। इस रिपोर्ट को दिखाने के बाद केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश की नहीं बल्कि दूसरे राज्यों में भी  ग्राउंड रिपोर्ट तैयार करवाई तब जाकर पता चला कि राज्य सरकार अपनी पीठ थपथपा ने के लिए  गलत आंकड़े पेश कर रही है।  इसके बाद केंद्र सरकार ने  कई मॉनिटरिंग कमेटी भी बनाई, जो सरकारी योजनाओं पर  निगाह  रखकर  आम लोगों तक योजना का लाभ पहुंचाने  की  कार्यवाही सुनिश्चित करती हैं।

वरिष्ठ पत्रकार बृजेश राजपूत ने हमेशा एसी रिर्पोटिंग पर जोर दिया जिससे हजारों लाखों लोगों को लाभ मिल सके। यही कारण है कि उनकी लोकप्रियता और उनके द्वारा तैयार की जाने वाली रिपोर्ट का असर भी हमेशा दूर दूर तक हुआ है। श्री राजपूत के अलावा वरिष्ठ पत्रकार श्री जगविंदर पटियाल, अभिसार शर्मा (पूर्व में जुड़े रहे), ब्र और प्रतिमा मिश्रा को रामनाथ गोयनका अवार्ड दिया गया है।

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