वन भूमि को लीज पर देने की तैयारी में राज्य सरकार

भोपाल
वनों की रखवाली पर सरकार हर साल भारी भरकम बजट खर्च करती है। अब सरकार ने वनों से कमाई करने के लिए ऊजड़ हो चुके वनों को लीज पर देने की तैयारी कर ली है। हालांकि अभी तक किसी भी उद्योगपति या निजी फर्म केा वन भूमि लीज पर नहीं दी गई है। लीज की शर्त यह रहेगी कि निजी फर्म अपने हिसाब से पेड़ लगा सकेंगे, भ्ूामि का उपयोग हरियाली बढ़ाने के लिए कर सकेंगे, लेकिन स्थाई निर्माण नहीं कर पाएंगे। 

कंपनियों को वनभूमि देकर नए जंगल तैयार करने का आइडिया पीएमओ तक जा चुका है और पीएमओ इससे सहमत भी बताया जा रहा है। ऐसे में राज्य सरकार ने प्रस्ताव का क्रियान्वयन तेज कर दिया है। योजना में ऑनरशिप वन विभाग की रहेगी, जबकि कंपनियों से वन समितियां अनुबंध करेंगी। अनुबंध 60-40 के अनुपात में होगा यानी जंगल लगाने से होने वाली आमदनी में 60 फीसदी लाभ कंपनी और 40 फीसदी समिति का होगा।

वर्ष 1990 में बिगड़े वनों को सुधारने के लिए राज्य सरकार वृक्ष सहकारिता योजना लाई थी, जो एक दशक ही चली। इसमें वन विभाग को करीब सौ करोड़ रुपए के घाटे में उतरना पड़ा था। सूत्रों के मुताबिक वन समितियों के माध्यम से विभाग ख्यातलब्ध कंपनियों से अनुबंध करेगा। कंपनियां तय भूमि पर बाजार की मांग के मुताबिक पौधे लगाएंगी और उन पौधों के पेड़ बनने पर कंपनियां उन्हें काटकर फसल की तरह बेच सकेंगी। इनमें बांस की खेती भी की जा सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *