वन नेशन-वन कार्ड: देश में कहीं भी ले सकेंगे राशन, भ्रष्टाचार पर भी लगाम

नई दिल्ली
मोदी सरकार 'वन नेशन-वन कार्ड' नारे के साथ एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। इससे ना केवल भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगा, बल्कि रोजगार या अन्य वजहों से एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने वाले गरीबों को सब्सिडी वाले राशन से वंचित नहीं होना पड़ेगा। केंद्र सरकार ने गुरुवार को इसकी घोषणा की। इस बदलाव से एक से अधिक कार्ड रखने की संभावना भी खत्म हो जाएगी।

केंद्रीय खाद्य मंत्री राम विलास पासवान के नेतृत्व में खाद्य सचिवों की बैठक में इस फैसले को तेजी से लागू करने का निर्णय लिया गया। प्रवासी मजदूरों को इसका सबसे अधिक लाभ मिलने का दावा करते हुए पासवान ने कहा, 'उन्हें पूर्ण खाद्य सुरक्षा मिलेगी। इससे लाभार्थियों को आजादी मिलेगी, क्योंकि वे एक PDS दुकान से बंधे नहीं होंगे। यह भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगाएगा।'

इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए खाद्य मंत्रालय सभी कार्ड्स का एक केंद्रीय डेटाबेस तैयार करेगा, जो डुब्लीकेट कार्ड्स को हटाने में मददगार होगा। टाइम्स ऑफ इंडिया ने 22 मार्च 2018 को सबसे पहले यह खबर दी थी कि केंद्र सरकार GSTIN की तर्ज पर राशन कार्ड्स का रियल टाइम ऑनलाइन डेटाबेस (इंटिग्रेटेड मैनेजमेंट ऑफ पीडीएस-IMPDS) तैयार करने की प्लानिंग कर रही है।

खाद्य मंत्रालय ने कहा कि IMPDS आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना और त्रिपुरा में पहले से लागू है, जहां कोई भी लाभार्थी अपने हिस्से का राशन किसी भी जिले से प्राप्त कर सकता है। केंद्र गरीबों के हित में इसे सभी राज्यों से लागू करने की अपील की है। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के लाभार्थी अगले 2 महीने में दोनों में से किसी राज्य में राशन उठाने की सुविधा प्राप्त कर सकेंगे।

अभी FCI, CWC, SWCs और निजी गोदामों में रखे 6.12 करोड़ टन अनाज को हर साल 81 करोड़ लाभार्थियों को बांटा जा रहा है। पासवान ने कहा कि अनाज खरीद से इसके वितरण तक I-T इन्फ्रास्ट्रक्चर के इस्तेमाल की तत्काल आवश्यकता है। यह पूरी प्रक्रिया को प्रभावी बनाएगा साथ ही पारदर्शिता बढ़ेगी और भ्रष्टाचार मिटेगा।

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