वंदेभारत एक्सप्रेसः यात्रियों की ‘अजीब’ शिकायतों से परेशान कर्मचारी

 नई दिल्ली 
कुंभ के बाद भी देश की पहली हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस में यात्रियों की संख्या में कोई कमी नहीं है। यह ट्रेन अकसर पत्थरबाजों का भी शिकार होती है। इसके अलावा कई और चुनौतियां भी हैं जिनसे ट्रेन के कर्मचारी परेशान हो जाते हैं। दरअसल ट्रेन में ऑटोमैटिक डोर हैं जो निश्चित समय में बंद हो जाते हैं। ऐसे में यात्रियों को छोड़ने आए लोग कई बार कोच के अंदर ही फंस जाते हैं और अगले स्टेशन तक जाना पड़ता है। लोग बार-बार एसी का तापमान बदलने के लिए भी शिकायत करते रहते हैं जो कि कर्मचारियों के लिए परेशानी की वजह बन गई है। 

ट्रेन में रिव्यू के लिए सफर कर रही इंटीग्रल कोच फैक्ट्री की टीम के इंजिनयर एस श्रीनिवास ने कहा, 'लोगों की शिकायत है कि शताब्दी की तरह सीट पूरी तरह झुकती क्यों नहीं है? एग्जिक्यूटिव क्लास में सीट आगे की तरफ की जा सकती हैं और इन्हें घुमाया जा सकता है। लेकिन उतना ही जिससे पीछे वाले यात्री को दिक्कत न हो। पायदान थोड़ा ही मूव करता है लेकिन कई बार लोग इसे जोर से झटका देकर तोड़ देते हैं।' चेयर कार में सीट बिल्कुल नहीं झुक सकती इसलिए लोगों को आठ घंटे की यात्रा के लिए 

चेयर कार में सफर कर रहे एक यात्री ने शिकायत की कि फूड टेबल बहुत छोटी है। दिल्ली से ट्रेन चलने से पहले ही अनाउंसमेंट होता है कि यात्रियों को छोड़ने आए लोग नीचे उतर जाएं, एक बार दरवाजा बंद होने के बाद नहीं खुलेगा। ट्रेन के एक कर्मचारी ने बताया, 'लोगों की आदत हो गई है यात्रियों को छोड़ने आए लोग भी कोच के अंदर आ जाते हैं। लगभग रोज ही ऐसा होता है कि दरवाजा बंद होने के बाद कुछ लोग अंदर रह जाते हैं और अगले स्टेशन तक जाना पड़ता है। ट्रेन तेजी से छूटती है और फिर रुकती नहीं है।' बता दें कि दिल्ली के बाद वंदेभारत एक्स्प्रेस सीधे कानपुर में रुकती है और इसके बाद वाराणसी से पहले प्रयागराज में रुकती है। 

सभी कोचों में एक कम्युनिकेशन यूनिट है जिसका इस्तेमाल ट्रेन ऑपरेटर को इमर्जेंसी कॉल करने के लिए किया जा सकता है लेकिन लोग शिकायत करने के लिए इसका प्रयोग कर रहे हैं। ट्रेन ऑपरेटर ने बताया कि एसी का तापमान बदलवाने के लिए भी लोग ट्रेन ऑपरेटर को मेसेज करने लगते हैं। एक ट्रिप में ऐसी 30 से 40 शिकायतें आ जाती हैं। हालांकि PECU पर स्पष्ट लिखा है कि यह केवल आपातालीन परिस्थितियों के लिए है और इसके अलावा 1000 रुपये का जुर्माना देना होगा। 

इस ट्रेन में हर कोच में एसी को कंट्रोल करने का सिस्टम है जबकि सभी ट्रेनों में ऐसा नहीं होता है। PECU सिस्टम कई बार उपयोगी साबित होता है। एक कर्मचारी ने बताया कि पिछले दिन एक यात्री का स्वास्थ्य खराब हो गया और तब उसने ट्रेन ऑपरेटर को बताया। इसके बाद ट्रेन ऑपरेटर ने अनाउंस किया कि ट्रेन में अगर कोई डॉक्टर है तो यात्री की मदद करे। दूसरे कोच में सफर कर रहे एक डॉक्टर ने यात्री की मदद की। 

श्रीनिवास ने बताया, , 'यह ट्रेन यूरोपीय ट्रेनों से ज्यादा अच्छी है। आप एक किनारे से दूसरे किनारे तक देख सकते हैं। सभी कोच में ट्रने की स्पीड स्क्रीन पर दिखती है। इसके अलावा सभी यात्रियों के लिए टच बेस्ड रीडिंग लाइट्स भी लगी हैं। टॉइलट की वॉशबेसिन टच फ्री हैं।' हालांकि यात्रियों का कहना है कि इसमें और भी सुधार किए जा सकते हैं। कुछ यात्रियों का कहना है कि ट्रेन में वाई-फाई से इंटरनेट की सुविधा मिलनी चाहिए ना कि सिर्फ पहले से लोड कॉन्टेंट को ऐस्सेस करने की सुविधा। 

ट्रेन के एक अधिकारी ने कहा कि वाई-फाई की सुविधा एयरोप्लेन की तरह है और इसमें इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। लोगों को ध्यान खाने पर भी ज्यादा रहता है। कई लोगों की शिकायत थी कि शाम का खाना ठंडा दिया गया। वंदेभारत के लिए प्राइवेट होटल से अनुबंध है। प्रयागराज में पिंड बलूची और कानपुर में लैंडमार्क होटल से खाना ट्रेन में आता है। लोगों की शिकायत यह भी है कि ट्रेन का किराया ज्यादा है बावजूद इसके यात्रियों की संख्या में कोई कमी नहीं है। 

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