लोगों ने जलील किया, पुलिस ने बरसाए डंडे, भारत कुमार की वो कहानी जो सब नहीं जानते
नई दिल्ली
मनोज कुमार को हिंदी सिनेमा के भारत कुमार के तौर पर जाना जाता है. मनोज ने देशभक्ति की भावनाओं से जुड़ी कई फिल्मों में काम किया. मनोज कुमार एक एक्टर होने के साथ-साथ एक लेखक भी रहे हैं. उनके जन्मदिन पर बता रहे हैं उनके जीवन से जुड़े हुए कुछ किस्से. मनोज कुमार का पूरा नाम हरि किशन गिरि गोस्वामी था. उनका जन्म 24 जुलाई 1937 को हुआ.
दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से उन्होंने अपनी पढ़ाई की. इसके बाद उनके जहन में फिल्मों में काम करने के ख्याल ने दस्तक दी. मगर फिल्मों के प्रति उनकी रुचि 10 साल की उम्र में ही आ गई थी. फिल्मों में काम करने को लेकर मनोज कुमार से जुड़ा एक रोचक किस्सा भी है. मनोज ने अपनी मंगेतर शशि गोस्वामी से पूछकर फिल्मों में काम करना शुरू किया.
मनोज कुमार ने अपने संघर्ष की दास्तां भी सुनाई. राज्यसभा टीवी को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि कैसे वे रिफ्यूजी कैंप में रहते थे और मुश्किलों में जीवन गुजारते थे. इस दौरान उन्होंने अपने छोटे भाई को बेहद कम उम्र में खो दिया था. मनोज कुमार ने अपना आपा खो दिया था और वे मारपीट करने लग गए थे. इस दौरान उन्हें पुलिस के डंडे भी खाने पड़े थे. जब बात हद से आगे बढ़ गई तो उनके पिता ने उन्हें कसम दिलाई कि वे कभी भी मारपीट नहीं करेंगे.
दरअसल, जब मनोज को एक फिल्म में लीड एक्टर के रूप में काम करने का ऑफर आया तो उन्होंने कहा कि अपनी मंगेतर की इजाजत के बिना वो फिल्मों में काम नहीं करेंगे. फिर उन्होंने शशि से इस बारे में बात की. जब शशि रजामंद हो गईं तभी मनोज कुमार ने फिल्म में काम करने के लिए हां कहा. बाद में शशि से ही उन्होंने शादी भी कर ली.
मनोज कुमार को अपने शानदार काम के लिए भारत सरकार द्वारा उन्हें साल 1992 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया. साल 2015 में उन्हें फिल्म में अपने योगदान के लिए दादा साहब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया.