लोकसभा में बोले अमित शाह- सेना को छूट देते नेहरू तो भारत के पास होता PoK

नई दिल्ली
राज्यसभा से पास होने के बाद आज गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल को लोकसभा में चर्चा के लिए रख दिया, जिस पर सदन में चर्चा जारी है. बीते दिन वोटिंग के बाद उच्च सदन से इस बिल को मंजूरी मिल गई थी जिसके पक्ष में 125 और विपक्ष में 61 वोट पड़े थे. लोकसभा में जम्मू कश्मीर में विशेष अधिकार देने वाला धारा 370 को खत्म करने का संकल्प भी पेश किया गया. साथ ही जम्मू कश्मीर आरक्षण विधेयक पर भी सदन में चर्चा जारी है.
भारत का हिस्सा होता PoK: अमित शाह
अमित शाह ने मनीष तिवारी से सवाल करते हुए कहा कि जब हमारी सेना कश्मीर में विजयी हो रही थी और पाकिस्तानी कबीलाइयों को भगाया जा रहा था तब अचानक शस्त्र विराम किसने किया, वो भी नेहरू जी ने किया और उसी के कारण आज PoK है, अगर सेनाओं को उस वक्त छूट दी होती तो पूरा PoK भारत का हिस्सा होता. 
1965 में ही UN का प्रस्ताव खारिज: अमित शाह
अमित शाह ने कहा कि एक बार देश के प्रधानमंत्री की दृढ़ राजनीति को नमन करना चाहता हूं क्योंकि उन्होंने साहस दिखाकर इसे खत्म करने का फैसला लिया. गृह मंत्री ने कहा कि उचित समय और हालात सामान्य होते ही जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने पर सरकार को कोई आपत्ति नहीं है. मोदी सरकार PoK को कभी देने वाली नहीं है और वहां की 24 सीटें आज भी हमारा हिस्सा रहने वाली हैं. इस पर हमारा दावा उतना ही मजबूत है जितना पहले था. अमित शाह ने कश्मीर मुद्दा UN में होने के अधीर रंजन के सवाल पर जवाब देना चाह, जिसपर फिर से चौधरी ने खड़े होकर गृह मंत्री से स्थिति साफ करने को कहा. अमित शाह ने कहा कि कश्मीर मुद्दा 1948 में UN में पहुंचा था. लेकिन जब भारत-पाकिस्तान ने UN को प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया तब किसी भी देश की सेना को सीमाओं के उल्लंघन का अधिकार नहीं था. लेकिन 1965 में पाकिस्तान की ओर से सीमा का उल्लंघन करने पर यह प्रस्ताव खारिज हो गया था. जम्मू कश्मीर के लिए इस सदन को संपूर्ण अधिकार हासिल हैं कोई भी बाध्यता नहीं है.
लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह का जवाब
लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने बिल पर हुई चर्चा का जवाब देना शुरू कर दिया है और सदन में बीजेपी सांसदों की ओर से जोरदार नारेबाजी हो रही है. अमित शाह ने कहा कि सदस्यों के मन के भाव को समझ रहा हूं क्योंकि सब लोग 70 साल से एक दर्द को दबाकर बैठे हैं. उन्होंने कहा कि कहा जाता है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है लेकिन किसी अन्य राज्य को नहीं बोलते, उसकी वजह 370 है क्योंकि इसी ने जनमानस के मन में शंका पैदा की थी, कश्मीर भारत का अंग है या नहीं. धारा 370 कश्मीर को भारत से जोड़ती नहीं बल्कि जोड़ने से रोकती है, जो आज सदन के आदेश के बाद खत्म हो जाएगी. 

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