लोकसभा चुनाव 2019: मुद्दे नहीं ‘मौसम’ भी बताता है बीजेपी का वॉर रूम

 
नई दिल्ली 

मिशन 2019 को कामयाब बनाने के लिए जुटी बीजेपी के वॉर रूम न सिर्फ पार्टी की रणनीति को अमलीजामा पहनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं, बल्कि नेताओं के दौरों को तय करने से लेकर हर उस क्षेत्र के मौसम तक का अपडेट तैयार करने में जुटे हैं, जहां बीजेपी नेताओं की अहम रैलियां हैं। इसके अलावा इसी वॉर रूम के जरिए ही विरोधी नेताओं की ओर से उठाए जाने वाले मुद्दों और उन्हें जवाब देने के लिए भी अपने नेताओं को इनपुट देने की जिम्मेदारी दी गई है। 
 
नैशनल वॉर रूम से रहता है संपर्क 
इस बार वॉर रूम को पार्टी के मौजूदा दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर स्थित मुख्यालय की बजाय अशोक रोड स्थित पुराने पार्टी कार्यालय परिसर में बनाया गया है। यहां राष्ट्रीय स्तर का वॉर रूम बनाया गया है, जबकि हर राज्य की राजधानियों में राज्य स्तर के वॉर रूम बनाए गए हैं, जिनका इस नैशनल वॉर रूम से लगातार संपर्क बना रहता है। 

250 कार्यकर्ताओं की फौज 
लगभग 250 कार्यकर्ताओं और कर्मचारियों वाला यह वॉर रूम अब लगभग 24 घंटे सक्रिय रहता है और इसे सभी सुविधाओं से युक्त बनाया गया है। वॉर रूम में उन नेताओं या कार्यकर्ताओं को ही जाने की अनुमति है, जिनकी वॉर रूम से जुड़े कार्यों की जिम्मेदारी है। 

  लोकसभा चुनाव से जुड़ी रोचक बातें
आजादी के बाद भारत अप्रैल 2019 में अपने 17वें लोकसभा चुनाव का गवाह बनेगा। पिछले 16 आम चुनावों में देश और चुनाव के तरीकों में बहुत कुछ बदलाव आए हैं। अबतक हुए चुनावों से जुड़ी 10 रोचक जानकारी यहां दी जा रही हैं।
 
राजनीतिक स्थिति पर नजर 
पार्टी सूत्रों का कहना है कि वॉर रूम में टीवी स्क्रीन के अलावा यहां तैनात कार्यकर्ताओं और कर्मचारियों को बाकायदा लैपटॉप और कम्प्यूटर दिए गए हैं, जिन पर लगातार देश की राजनीतिक स्थिति पर नजर रखी जाती है। 

ऐसे काम करता है वॉर रूम 
पार्टी के एक नेता के मुताबिक वॉर रूम को कई भागों में विभक्त किया गया है, जिनमें कुछ की जिम्मेदारी मीडिया के जरिए अपने और विरोधी दलों के नेताओं के बयानों पर नजर रखी जाती है और जहां भी विरोधी नेताओं पर जवाब देने की जरूरत होती है, उसके बारे में फौरन आलाकमान को जानकारी दी जाती है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि हालांकि पार्टी मूख्यालय में भी एक रूम से टीवी चैनलों की मॉनीटरिंग होती है लेकिन वॉर रूम से मॉनीटरिंग के अलावा उसके जवाब के लिए डेटा भी दिया जाता है। मसलन, अगर कांग्रेस बीजेपी को घेरने की तैयारी करती है तो फौरन ही वॉर रूम में ऐक्टिव लोग मामले से जुड़े पहलुओं की जानकारी लेकर फौरन अपने नेताओं को देता है। 

हर ऐक्शन पर रहती है नजर 
कौन सा नेता कब किस जगह सभा करने जाएगा और वहां तक पहुंचने के लिए विमान, हेलिकॉप्टर और कार की कैसे व्यवस्था होगी, यह सारा काम भी एक हिस्से में होता है। इसी विभाग के लोग तय करते हैं कि किस नेता को क्या वाहन दिया जाए और फिर वहां नेता को छोड़कर उस विमान या हेलिकॉप्टर को आगे कहां भेजना है। यही नहीं, जिस जगह सभा है, वहां किस तरह के मुद्दे हैं, जिन पर पार्टी के नेता को बोलना चाहिए, उसके टॉकिंग पाइंट जुटाने की भी जिम्मेदारी वॉर रूम में तैनात लोग ही निभाते हैं। 
 

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