लोकसभा चुनाव 2019: पंजाबी वोटर तय करेंगे वेस्ट दिल्ली सीट किसकी होगी

 
नई दिल्ली 

पूर्वांचली और जाट वोटर बहुल वेस्ट दिल्ली लोकसभा सीट पर सिख और पंजाबी वोटर कई मौकों पर पर निर्णायक साबित हुए हैं। इस बार भी ऐसे ही कयास लगाए जा रहे हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि त्रिकोणीय मुकाबला होने की वजह से परिस्थिति बदल चुकी है। दो जाट और एक पूर्वांचली उम्मीदवार मैदान में होने से वोटों का बंटना तय माना जा रहा है। इस इलाके में पूर्वांचल, जाट, सिख और पंजाबी वोटर अहम किरदार में हैं। पूरी संभावना है कि दो जाट उम्मीदवारों की वजह से जाट वोट में बिखराव होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर पूर्वांचली वोट भी बंट सकता है। ऐसे में सिख और पंजाबी वोट एक मुश्त जिस तरफ जाएगा, उसकी जीत की संभावना बढ़ जाएगी।  
 

पहले यह इलाका जाट बहुल माना जाता था। कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार का दबदबा था। वेस्ट दिल्ली लोकसभा सीट बनने के बाद पूर्वांचली वोटर सबसे अहम किरदार में आ गए। कांग्रेस ने पूर्वांचली नेता महाबल मिश्रा को 2009 में अपना उम्मीदवार बनाया। उन्हें पूर्वांचली वोट के साथ-साथ सिख और पंजाबी वोटरों का भी साथ मिला। एक्सपर्ट का कहना है कि साल 2009 का चुनाव कांग्रेस पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नाम पर लड़ रही थी। पार्टी उन्हें दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने के लिए वोट मांग रही थी। कांग्रेस ने इलाके में सिख और पंजाबी वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए मनमोहन सिंह की विशाल रैली कराई और बाजी ऐसी पलटी की सिख और पंजाबी वोटर भी उनके पक्ष में चले गए और उनकी भारी जीत हुई। 

2014 के चुनाव में स्थिति बदली और आम आदमी पार्टी ने चुनाव को त्रिकोणीय बना दिया। 'आप' की तरफ से जरनैल सिंह ने चुनाव में अपनी दावेदारी ठोकी तो कांग्रेस तीसरे स्थान पर चली गई। इस चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ 14.33 पर्सेंट वोट आए, जबकि 'आप' के उम्मीदवार को 28.38 पर्सेंट वोट आए। बीजेपी 48.30 फीसदी वोट लाकर सबसे आगे रही। बीजेपी की जीत में प्रवेश को जाट नेता के नाम पर वोट मिले, सिख और पंजाबी समुदाय के वोट मिले। साथ ही मोदी के नाम पर पूर्वांचल वोट भी उनके पक्ष में चला गया। 

एक नेता ने बताया कि पूर्वांचलियों में हर जाति के लोग मिक्स हैं, इसलिए जाति के आधार पर वोट बताना मुश्किल है। कयास है कि इस इलाके में लगभग 7 लाख पूर्वांचली वोटर हैं, जो पिछले चुनाव में ज्यादातर सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ गए। 

इस बार फिर त्रिकोणीय मुकाबला है और दो जाट उम्मीदवार हैं। बीजेपी से प्रवेश वर्मा और 'आप' के बलवीर सिंह जाखड़। सूत्रों का कहना है कि इलाके में जाट वोट लगभग 10 पर्सेंट हैं। इसके बंटने की पूरी संभावना है। पूर्वांचली वोट भी बंट सकता है। कांग्रेस से पूर्वांचली नेता महाबल मिश्रा मैदान में हैं। 
 

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