लोकसभा चुनाव में 11 सीटों पर पिछड़ रही BJP, शिवराज समेत इन दिग्गजों को मैदान में उतारने की तैयारी

भोपाल
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली हार के बाद अब पार्टी के सामने लोकसभा चुनाव बड़ी चुनौती बन गए हैं। 2014 में मोदी लहर और मध्यप्रदेश में शिवराज के मुख्यमंत्री रहते हुए भाजपा ने कांग्रेस का सफाया करते हुए 29 लोकसभा सीटों में से 27 पर कब्जा कर लिया था। लेकिन विधानसभा हार के बाद अब भाजपा २९ में से ११ सीटों पर पिछड़ती हुई नजर आ रही है। कांग्रेस की जीत के बाद भाजपा को इन सीटों पर सीधा नुकसान होता दिखाई दे रहा है जिसके चलते भाजपा अब बड़े पैमाने पर अपने मौजूदा सांसदों के टिकट काट नए चेहरों को मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है।

दरअसल, शुक्रवार-शनिवार को भाजपा की ओर से दिल्ली में राष्ट्रीय अधिवेशन किया गया था, जिसमें पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने साफ कर दिया था कि इस बार 2019 में हम फिर सरकार बनाएंगें, कार्यकर्ताओ औऱ पार्टी के लोग इसमें जी जान से जुट जाए, जिस सीट पर पार्टी को नुकसान हुआ वहां भाजपा के फेवर में माहौल तैयार करे, विधानसभा में हुई हार की समीक्षा करते हुए लोकसभा चुनाव की तैयारी करे, आरक्षण और जीएसटी के मुद्दे को जनता के बीच लेकर जाए और फिर से वही विश्वास कायम करने की कोशिश करे।इसी के चलते विधानसभा चुनावों में मिले वोटों के आधार पर 29 में से 12 लोकसभा सीटों पर पिछड़ रही भाजपा मकर संक्रांति के बाद से ही आम चुनाव के लिए जुटने जा रही है। वही लोकसभा चुनाव अभियान समिति को भी एक्टिव होने को कहा गया है।

आलाकमान मान रहा है कि विदिशा, खजुराहो, रतलाम, देवास, गुना, छिंदवाड़ा समेत 11 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों को लेकर नए सिरे से संगठन में चर्चा की जरूरत है। क्योंकि इस बार कांग्रेस के दिग्गज कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांतिलाल भूरिया की सीटों पर भी नई रणनीति व दमदार प्रत्याशी के साथ मैदान में उतरना है,इसीलिए शाह ने अपने स्तर पर भी सीटों का फीडबैक बुलवा लिया है।इसी के आधार पर पार्टी इस बार कई दिग्गजों की सीट बदलने की तैयारी कर रही है, वही कुछ दिग्गजों जो की विधानसभा चुनाव में कम ही वोटों से हारे उन्हें लोकसभा में मौका देने का विचार कर रही है।इसमें पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज, नरोत्तम मिश्रा, राजेन्द्र शुक्ल, कैलाश विजयवर्गीय, यशोधरा राजे सिंधिया जैसे तमाम नाम है।

वही राज्य सभा सदस्यों प्रभात झा व केंद्रीय मंत्री थावरचंद गेहलोत को लेकर भी संगठन विचार कर रहा है। भाजपा ने खजुराहो संसदीय सीट से सांसद नागेंद्र सिंह और देवास संसदीय सीट से सांसद मनोहर ऊंटवाल को विधानसभा चुनाव में उतारे जाने के बाद लोकसभा में जाना संभव नही है, उमा भारती, सुषमा स्वराज और सुमित्रा महाजन के चुनाव ना लड़ने के निर्णय के बाद पार्टी नए चेहरों की तलाश कर रही है।ऐसे चेहरों की तलाश की जा रही है जो जनता के बीच का हो और जिस पर जनता पूर्ण रुप से विश्वास कर वोट दे सके।  चुंकी विधानसभा में हार के बाद इस बार तमाम सीटों पर प्रत्याशी चयन में अमित शाह की भूमिका ही रहेगी। 

भाजपा विधानसभा चुनाव लड़ने वाले और खराब परफॉर्मेंस करने वाले सांसदों के टिकट काट कर उनकी जगह नए चेहरों को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है। लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी करीब एक दर्जन सीटों पर अपने प्रत्याशी बदलने जा रही है। पार्टी ने भोपाल, इंदौर, विदिशा, मुरैना, सागर, खजुराहो, देवास, होशंगाबाद, उज्जैन, मंदसौर-नीमच, उज्जैन संसदीय सीटों पर अपने चेहरे बदलने की तैयारी है।

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