लोकसभा चुनाव में हार की गाज IPS अफसरों पर गिरी, भोपाल IG सहित 13 ज़िलों के SP बदले

भोपाल 
मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव में हार के बाद कमलनाथ सरकार ने पुलिस महकमे में बड़ी सर्जरी कर दी है. हार के बाद भोपाल आईजी सहित 13 जिलों के पुलिस कप्तानों पर गाज गिरी है. सरकार ने शनिवार देर रात कुल 37 आईपीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया. योगेश देशमुख आईजी भोपाल होंगे. मंत्री लखन घनघोरिया के साथ डांस कर चर्चा में आए अमित सिंह फिर से एसपी जबलपुर बनाकर भेज दिए गए हैं.

राजधानी भोपाल में अपराधियों के बढ़ते हौंसले और सरकार की धूमिल होती छबि का खामियाजा आईजी जयदीप प्रसाद और एसपी (उत्तर) हेमंत चौहान को भुगतना पड़ा है. सरकार ने दोनों अधिकारियों को फील्ड पोस्टिंग से हटा दिया है.

लोकसभा चुनाव में हार के बाद कमलनाथ सरकार एक्शन में आ गयी है. उसने अब नगरीय निकाय चुनाव से पहले पुलिस महकमे में कसावट शुरू कर दी है. 13 जिलों के एसपी बदल दिए गए. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के कारण 13 जिलों के पुलिस अधीक्षकों को हटाते हुए पुलिस मुख्यालय अटैच कर दिया गया.इनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया के संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाले शिवपुरी के पुलिस अधीक्षक राजेश हिंगणकर का नाम भी शामिल है. इसके अलावा 12 और एसपी को हटाए गए हैं.

13 एसपी पर गिरी गाज

  1. भोपाल उत्तर एसपी – हेमंत चौहान
  2. शिवपुरी एसपी -आरके हिंगणकर
  3. कटनी एसपी – हिमानी खन्ना
  4. शहडोल एसपी -कुमार सौरभ
  5. अनूपपुर एसपी -जगत सिंह राजपूत
  6. सीधी एसपी – तरुण नायक
  7. धार एसपी – वीरेंद्र सिंह
  8. जबलपुर एसपी -निमिष अग्रवाल
  9. खंडवा एसपी -सिद्धार्थ बहुगुणा
  10. मंदसौर एसपी -विवेक अग्रवाल को हटाया
  11. बड़वानी एसपी – यांग चेन डोलकर भूटिया
  12. सिंगरौली एसपी -दीपक शुक्ला
  13. आगर मालवा एसपी – मनोज कुमार श्रीवास्तव .

होमगार्ड्स से छुट्टी- कमलनाथ सरकार ने होमगार्ड से दो सीनियर आईपीएस अधिकारियों को हटा दिया है. होमगार्ड में IPS महान भारत सागर और मनीष शंकर शर्मा के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था. सरकार ने दोनों अधिकारियों को होमगार्ड से हटाकर अलग-अलग ज़िम्मेदारी दे दी है.महान भारत सागर को स्पेशल डीजी पीटीआरआई और मनीष शंकर शर्मा को एडीजी निजी सुरक्षा एजेंसी बनाया गया है. अब अशोक दोहरे डीजी होमगार्ड होंगे.

लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही माना जा रहा था कि सरकार अधिकारियों के कामकाज के तरीके से खुश नहीं है. ऐसे में थोक तबादले होना तय था.लेकिन सरकार इतने बड़े पैमाने पर पुलिस अधीक्षकों को फील्ड से हटाकर मुख्यालय में अटैच कर देगी, इसका अंदाज किसी को नहीं था.सरकार के इस कदम को जनता के बीच पकड़ मजबूत करने के साथ ही कुछ महीनों बाद होने वाले नगरीय निकाय चुनाव के पहले इमेज साफ करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.

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