लोकसभा चुनाव के लिए EVM से जुड़ी तैयारी पूरी: चुनाव आयोग

नई दिल्ली        
आम चुनावों की तारीख घोषित किए जाने में देरी को लेकर विपक्ष के आरोप के बीच निर्वाचन आयोग ने कहा है कि लोकसभा चुनाव के लिए ईवीएम से जुड़ी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ईवीएम-वीवीपीएटी पर सभी राज्यों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं. आयोग ने बुधवार को कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए ईवीएम से जुड़ी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. 98 प्रतिशत मशीनों की पहले स्तर की चेकिंग पूरी कर ली गई है.

निर्वाचन आयोग ने कहा कि लोकसभा चुनाव को लेकर ईवीएम से जुड़ी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. 98 प्रतिशत ईवीएम की फ़र्स्ट लेवल चेकिंग पूरी हो गई है. चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश में ईवीएम-वीवीपीएटी की जांच के लिए 4 तरह की स्थितियों का जिक्र किया गया है. चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी.

इससे पहले लोकसभा चुनाव को लेकर जम्मू कश्मीर की स्थिति का जायजा लेने के लिए मंगलवार को मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने राजनीतिक नेताओं और वरिष्ठ पुलिस और जिला अधिकारियों से मुलाकात की थी. इस दौरान आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने चुनाव नतीजों के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को जिम्मेदार बताए जाने पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी. उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों ने ईवीएम मशीन को फुटबॉल बनाकर रख दिया है.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि अभी कुछ महीने पहले कर्नाटक के अलावा पांच अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए. जहां हर जगह अलग-अलग नतीजे देखने को मिले. मैं यह कहने के लिए क्षमा मांगता हूं कि ईवीएम को राजनीतिक दलों नें फुटबॉल बना कर रख दिया है. अगर रिजल्ट एक्स आता है तो EVM अच्छा है और अगर वाई आता है तो बुरा बता दिया जाता है.

बता दें कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने गत सोमवार को लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा में देरी को लेकर निर्वाचन आयोग पर निशाना साधा था. उन्होंने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को वह 'लाभ उठाने' का लंबा समय दे रहा है. कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य ने ट्वीट किया, क्या निर्वाचन आयोग प्रधानमंत्री के 'आधिकारिक' यात्रा कार्यक्रमों के आम चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले समापन होने का इंतजार कर रहा है? पटेल ने ट्वीट किया, राजनीतिक रैलियों, टीवी/रेडियो और अखबारों में बेशुमार राजनीतिक विज्ञापनों के लिए सरकारी संसाधनों का उपयोग गलत है. ऐसा लग रहा है कि निर्वाचन आयोग सरकार को जनता के धन का उपयोग कर अंतिम क्षण तक प्रचार करने का लंबा अवसर दे रहा है.

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