लोकसभा चुनाव के लिए बसपा का संभागवार मंथन, लगातार घट रहे वोट प्रतिशत से पार्टी की चिंता बढ़ी

भोपाल
बहुजन समाज पार्टी प्रदेश की 26 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। प्रत्याशी चयन को लेकर पार्टी भोपाल में दो दिन से मंथन कर रही है। शनिवार को रीवा, जबलपुर और भोपाल संभाग अन्तर्गत आने वाली सीटों पर चर्चा की गई। रविवार को  ग्वालियर, इंदौर और उज्जैन संभाग के लिये बैठक बुलाई गई। बैठकों में चुनाव लड़ने के लिये आवेदन देने वालों का इंटरव्यू लिया जा रहा है। दावेदारों से बड़ा प्रश्न किया जा रहा है कि ‘टिकट मिला तो कितने वोट मिलेंगे’।

भाजपा और कांग्रेस को चुनौती देने के लिये बसपा रणनीति बना रही है। भोपाल में दो दिन से प्रदेश प्रभारी रामजी गौतम  और प्रदेश अध्यक्ष डीपी चौधरी जिलों के प्रमुखों के साथ बैठकें कर रहे हैं। इस दौरान दावेदारों को भी बुलाया गया है जिन्हें चुनाव लड़ने के लिये इंटरव्यू देना पड़ रहा है। चयनित दावेदारों को  बसपा प्रमुख मायावती से मुलाकात कराई जायेगी इसके बाद प्रत्याशी के नाम पर अंतिम मुहर लगेगी। बताया गया कि बसपा अपनी पहली लिस्ट दो-तीन दिन में जारी करेगी।

प्रदेश में बसपा को सबसे बड़ी चुनौती अपने ही नेताओं से है। पिछले एक माह के भीतर एक दर्जन से अधिक नामदारों ने पार्टी छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा है।  इस खाई को पाटने के लिये बसपा को जद्दोजहद करना पड़ रहा है। यहां बताना होगा कि बसपा का जनाधार लगातार घट रहा है। 28 साल पहले 1991 में महज 3.54 प्रतिशत वोट मिले थे। वर्ष 1996 और 1998 में वोट प्रतिशत 8 के पार हो गया।  98 में मुरैना और भिंड में दूसरा तथा ग्वालियर, रीवा और सतना में तीसरा स्थान हासिल हुआ था। बसपा को पिछले चुनाव 2014 में 3.80 प्रतिशत वोट मिले हैं।

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