लोकसभा चुनाव के बाद EVM कॉलेज, पालीटेक्निक में जमा नहीं होगा, हर जिले में स्थाई इंतजाम

भोपाल
विधानसभा और लोकसभा चुनाव होंने के बाद अब इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन रखने के लिए सरकार स्थाई इंतजाम करने जा रही है। इसके लिए सभी 52 जिलों में स्थाई गोदाम बनाए जाएंगे।इस पूरी योजना पर ढाई सौ करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसी साल ये गोदाम बनकर तैयार हो जाएंगे।

अभी तक मध्यप्रदेश में विधानसभा और लोकसभा चुनाव होंने के बाद इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन और वीवीपेट को रखने के लिए कोई स्थाई व्यवस्था नहीं थी। कभी पॉलिटेक्निक कॉलेज में तो कभी शासकीय कॉलेज में और कहीं स्कूल में तो कहीं किसी सरकारी दफ्तर में ये ईवीएम और वीवीपेट रखे जाते है। यहां इनकी सुरक्षा के लिए भी अस्थाई व्यवस्था की जाती है। 

अब इन ईवीएम और वीवीपेट मशीनो को सुरक्षित रखने के लिए भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर सहित सभी जिलों में स्थाई गोदाम बनाए जा रहे है। महानगरों और लोकसभा क्षेत्रों के मुख्यालय वाले जिलों में चार से पांच करोड़ की लागत से बड़े स्थाई ईवीएम गोदाम बनेंगे जबकि छोटे जिलों और विधानसभा क्षेत्रों के मुख्यालय वाले जिलों में दो से तीन करोड़ की लागत से स्थाई गोदाम बनाए जाएंगे। इन गोदामों में ईवीएम और वीवीपेट को सुरक्षित रखने की पुख्ता व्यवस्था की जाएगी। इन गोदामों पर स्थाई पुलिस भी तैनात की जाएगी जो पूरे चौबीस घंटे इन ईवीएम और वीवीपेट की निगरानी करेगी। ईवीएम गोदामों को सीसीटीवी कैमरों से भी लैस किया जाएगा और इनकी एक कंट्रोल रुम के जरिए मानीटरिंग भी की जाएगी।

 मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव का कहना है कि वे स्वयं जांकर देख रहे है कि कहां किस तरह से गोदाम तैयार हो रहे है। हाल ही में वे सागर, विदिशा और दमोह में बन रहे ईवीएम गोदामों की व्यवस्था देखकर लौटे है। सभी कलेक्टरों को निर्देशित किया गया है कि इसी साल हर हाल में ये ईवीएम गोदाम तैयार हो जाए और इनमें ईवीएम की सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए जाए।

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