लोकसभा चुनावः वोटरों के सामने मंच पर भीग रहीं नेताओं की आंखें

 
नई दिल्ली 

चुनावी मौसम में वोटरों को लुभाने के लिए राजनीतिक दल के नेता हर जतन कर रहे हैं। कोई अजब-गजब तरीके से नामांकन कर रहे हैं तो कोई वोटरों को बस एक मौका देना का अपील। यहां तक कि जैसे-जैसे देश में चुनावी मौसम गरमाता जा रहा है, कई नेता तो मंच पर ही रोने लगे। ये लोग रैलियों में खुद के साथ इंसाफ की दुहाई दे रहे हैं। आइए, नजर डालें कुछ ऐसे ही नेताओं पर। 
 
आजम खान 
चुनाव आयोग का प्रतिबंध हटने के बाद आजम खान एक जनसभा में फूट-फूट कर रो पड़े। उन्होंने कहा- ‘मुझे मार दो, मुझे नहीं लड़ना चुनाव। मेरे साथ ऐसा सलूक हो रहा है, जैसे मैं दुनिया का सबसे बड़ा आतंकवादी हूं, देशद्रोही हूं। सरकार का वश चले तो मुझे गोलियों से छलनी करवा दे।’ गौरतलब है कि जया प्रदा पर दिए गए आपत्तिजनक बयान पर चुनाव आयोग ने उन पर प्रतिबंध लगा दिया था। 

जया प्रदा 
बीजेपी प्रत्याशी जया प्रदा एक चुनावी रैली के दौरान भावुक हो गई थीं। वह रामपुर से अपना नामांकन दाखिल करके एक जनसभा को संबोधित करने पहुंची थीं। मंच से कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उनकी आंखों में अचानक आंसू आ गए। कुछ देर तक अपना भाषण रोका और फिर आंसू पोंछकर दोबारा संबोधित किया था। आजम के बयानों पर एतराज जताते हुए उनकी आंखें भर आईं। 

एचडी कुमारस्वामी 
कुछ दिनों पहले कर्नाटक के सीएम एचडी कुमारस्वामी एक रैली के दौरान भावुक हो गए थे। एक जनसभा में उन्होंने कहा कि मीडिया लगातार कहती है कि मेरा मुख्यमंत्री के तौर पर आखिरी दिन है। लेकिन मेरे बारे में गलत खबरें फैलाई जा रही हैं। अंबरीश को उनकी वजह से पहचान मिली, लेकिन आज अंबरीश का परिवार ही उनके खिलाफ खड़ा है। 

एचडी देवगौड़ा 
इसी तरह अपने ऊपर वंशवादी राजनीति का आरोप लगने पर पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा भी मंच पर रो पड़े थे। इस मौके पर उनके बड़े बेटे एचडी रेवन्ना और पोते प्रज्वल रेवन्ना भी रो पड़े। उन्होंने कहा था कि मांड्या से पोते निखिल को उम्मीदवार बनाने का फैसला जेडीएस नेताओं का था। मैंने घोषणा नहीं की थी। मुझे बहुत दुख हुआ है, वे कह रहे हैं कि ‘निखिल वापस जाओ’। 

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