लोकसभा चुनावः पहले चरण में कुल 69.43 फीसदी वोटिंग

 नई दिल्ली 
चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान का आंकड़ा शुक्रवार को जारी किया। इसके मुताबिक, कुल 69.43 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। हालांकि, इसमें थोड़ा अंतर हो सकता है क्योंकि कुछ पोलिंग पार्टियां वापस नहीं लौटी हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा जुटाई गई जानकारी के मुताबिक, जिन 91 सीटों पर पहले चरण में चुनाव हुए हैं वहां 2014 में 70.6 प्रतिशत वोटिंग हुई थी।  
 
गुरुवार को हुए मतदान में पुरुषों का वोटिंग प्रतिशत 72.12 था जबकि 71.93 प्रतिशत महिलाओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। हालांकि, तीसरे लिंग का वोट प्रतिशत 17.94 प्रतिशत ही रहा। 

राज्यवार हुए मतदान की बात करें तो चुनाव आयोग द्वारा साझा किए गए आंकड़े के मुताबिक तेलंगाना में 62.69 प्रतिशत, आंध्र प्रदेश में 78.14 प्रतिशत, महाराष्ट्र में 63.04, यूपी में 63.88, उत्तराखंड में 59.8,9, ओडिशा में 73.76 प्रतिशत, असम में 78.22, मणिपुर में 82.82, त्रिपुरा में 83.26, अरुणाचल में 67.08, मेघालय में 71.41, मिजोरम में 63.02, नगालैंड में 83.12, जम्मू-कश्मीर 57.35, सिक्किम में 78.19, लक्षद्वीप में 84.96, पश्चिम बंगाल में 83.79, अंडमान एवं निकोबार में 64.85, छत्तीसगढ़ में 65.8 और बिहार में 53.47 प्रतिशत मतदान पड़े। अरुणाचल महिलाओं के वोटिंग प्रतिशत के हिसाब से टॉप पर रहा जहां 68.92 फीसदी महिलाओं ने मतदान में हिस्सा लिया। 

पहले चरण का मतदान संपन्न हुए 24 घंटे से भी अधिक समय बीत चुका है लेकिन छत्तीसगढ़ और ओडिशा के नक्सल प्रभावित इलाकों से कई पोलिंग पार्टियां अभी वापस नहीं लौटी हैं। मुख्य चुनाव अधिकारियों ने चुनाव आयोग को इस बात की जानकारी दी है कि पोलिंग पार्टियां अपने कैम्प में सुरक्षित हैं और सील्ड ईवीएम और वीवीपीएटटी के साथ उनकी सुरक्षित वापसी के लिए अहतियात बरता जा रहा है। 

एक अनुमान के मुताबिक छत्तीसगढ़ के बस्तर में 65.8 प्रतिशत मतदान हुआ है जो कि 2014 के लोकसभा चुनाव से ज्याादा है। सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार शाम 17 पोलिंग टीम को लौटना था। उनकी वापसी के बाद इन पोलिंग स्टेशनों के मतदान प्रतिशत को जोड़ा जाएगा। इसके बाद कुल आंकड़ा सामने आएगा। 

नक्सल प्रभावित मल्कानगिरी में 6 पोलिंग पार्टियां पूरी रात घने जंगलों में चलती रहीं ताकि घात लगा कर किए जाने वाले हमलों से बचा जा सके। वे शुक्रवार को बेस पहुंचे और वाहनों से चलना शुरू किया। खुफिया सूचना थी कि उन रास्तों पर पांच ऐसे पॉइंट थे जो हमले को लेकर संवेदनशील हैं। वहीं तीन और पार्टियों ने रात में वहीं रुकने का फैसला किया। 
 

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