लोकल ने आर्मी को किया था इन्फॉर्म, पूर्वी लद्दाख बॉर्डर पर पिछले साल से ही घुसपैठ में लगा चीन
कारू
पूर्वी लद्दाख से सटे बॉर्डर पर चीन की घुसपैठ के संकेत पिछले साल अगस्त से मिलने लगे थे। दुर्बोक के एक निवासी का दावा है कि अगस्त 2019 में ही गलवान घाटी और दौलत बेग ओल्डी (DBO) सेक्टर में एग्रेशन के शुरुआती निशान दिखे थे। स्थानीय निवासी के मुताबिक 'सेना को खबर की गई थी कि चीनी सैनिक उसके दो घोड़े लेकर चले गए हैं जब वे भारतीय इलाके में चर रहे थे।' इस लोकल का दावा है कि उसे चुप रहने को कहा गया और मुआवजे की बात की गई जो अबतक नहीं मिला। उसने स्थानीय प्रशासन पर भी चुप रहने का आरोप लगाया है।
बॉर्डर एरियाज में मवेशियों को चराने की परमिशन नहीं
दुर्बोक के इस शख्स ने ईटी से बातचीत में कहा, "वे (चीनी) हमारे इलाके में घुसे और उसके दो घोड़े और एक लगाम ले गए। उसे चुप रहने को कहा गया था और बोला गया था कि हर्जाना मिलेगा। लोकल प्रशासन ने भी चुप्पी साधे रखी।" पूर्वी लद्दाख के बॉर्डर एरियाज में रहने वाले लोग अक्सर शिकायत करते हैं कि सेना उन्हें भारतीय जमीन पर मवेशियों को चराने नहीं देती। अगर खानाबदोशी किसी चरागाह तक पहुंच जाएं तो चीनी सेना उन्हें जर्बदस्ती पीछे धकेल देती है। कभी-कभी तो कुत्तों का सहारा लिया जाता है।
DAC ने 40 किलोमीटर रेंज वाले आर्टिलरी रॉकेट्स खरीदने को मंजूरी दी है। इन्हें पिनाका लॉन्च सिस्टम्स पर यूज किया जाएगा। सेना में 4 पिनाका रेजिमेंट्स हैं, 6 और तैयार की जानी हैं। इसके अलावा इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल्स को भी अपग्रेड किया जाना है। सिक्योर कम्युनिकेशन के लिए सॉफ्टवेयर बेस्ड रेडियो भी मंगाए जा रहे हैं।
बॉर्डर के पास वाले गांव टेंशन में
साल 2018 में पूर्वी लद्दाख के देमचोक इलाके में न्योमा के ब्लॉक डेवलपमेंट चेयरपर्सन के परिवार की पांच याक गायब हो गई थीं। वे अबतक चीनी कस्टडी में हैं। दोनों देशों के बीच हालिया तनाव ने बॉर्डर के पास वाले गांवों में रहने वालों को परेशान कर दिया है। दुर्बोक के ही सोनम इसी हफ्ते अपने गांव से कारू वापस लौटे हैं। उन्होंने कहा, "हमारे इलाके में सैनिकों का बहुत ज्यादा मूवमेंट है। लोकल्स चिंतित हैं और अपनी जिंदगी और परिवार वालों की जिंदगी को लेकर चिंतित हैं। कई सेना और बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO) के साथ पोर्टर बनकर जाते हैं।
लद्दाख में चीन से तनातनी के बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन की फोन पर बातचीत हुई। इसके कुछ देर बाद ही दोनों देशों के बीच एक बड़े रक्षा सौदे की जानकारी दी गई है।